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अयोध्या : महंत परमहंस दास ने फिर दी आमरण अनशन की चेतावनी, यह है उनकी मांग…

अयोध्या । अयोध्या में शराब और मांस की दुकानों को हटाने के लिए तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने जिलाधिकारी अयोध्या को पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अंदर से शराब, मांस और अंडे की दुकानों को हटाया जाए. संत परमहंस दास ने बीते वर्ष भी जिलाधिकारी से मुलाकात कर अंडा, मांस और शराब की दुकानें अयोध्या के पंचकोसी परिक्रमा से हटाने की मांग की थी. इस पर जिलाधिकारी अयोध्या के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा से अंडे और मांस की दुकानों को हटा दिया जाएगा.

इतना ही नहीं राष्ट्रपति से भी पत्र लिखकर संत परमहंस दास ने मांग की थी जिस पर राष्ट्रपति की तरफ से जवाब भी आया था और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक कार्रवाई ना होने के कारण अब संत परमहंस दास ने एक बार फिर से जिलाधिकारी अयोध्या को पत्र लिखा है.

14 जनवरी तक दिया अल्टीमेटम
परमहंस दास ने यह मांग की है कि अगर मकर संक्रांति 14 जनवरी तक अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा से शराब, अंडा और मांस की दुकानें नहीं हटाई जाती हैं तो 16 जनवरी से वह एक बार फिर आमरण अनशन करेंगे और इस बार का आमरण अनशन महोबरा चौराहे पर होगा.

राम मंदिर के लिए आमरण अनशन कर चर्चा में आए संत परमहंस दास ने 12 दिन तक अन्न जल का त्याग किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने जबरिया परमहंस दास को पीजीआई में भर्ती कराया था. जहां पर भी वह अन्न जल नहीं ले रहे थे. जिसके बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत परमहंस दास से पीजीआई में मुलाकात कर उनको जूस पिलाया था.

हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिये 16 दिन आमरण अनशन किया था
दोबारा फिर एक बार परमहंस दास ने बीते वर्ष में भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के लिए लगातार 16 दिन आमरण अनशन किया था. एक बार फिर संत परमहंस दास को प्रशासन ने जबरदस्ती उठाकर के अस्पताल पहुंचाया था, जहां पर अयोध्या के स्थानीय विधायक के द्वारा गृह मंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर वार्ता कराने के पश्चात संत परमहंस दास ने आमरण अनशन को तोड़ा था.

एक बार फिर जिला प्रशासन के लिए चिंता का सबब बन गए हैं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास इस बार अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा से शराब अंडा और मांस की दुकानों को हटाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है और साथ ही यह भी दावा किया है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो फिर 16 जनवरी से वह आमरण अनशन पर बैठेंगे.

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