आचंलिक

तीसरे सावन सोमवार को हर हर महादेव के साथ गूंजे शिवालय

  • कांवड़ यात्रा में शामिल महिलाएं

गंजबासौदा। शिव कल्याणकारी, भक्तों के हितकारी और विश्व के लोगों के उद्धारक है। शिव भक्तों ही नहीं बल्कि अभक्तों के हित में अपनी करूणा को दिखाने वाले है। यह भाव के साथ शहर एवं आसपास के शिव तीर्थो में शिव भक्तों और कांवडिय़ो ंका पहुंचना चलता रहा। शहर सहित आसपास कांवड़ यात्रा कर भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। वहीं शिव तीर्थ उदयपुर के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर और निकटस्थ ग्राम गमाखर स्थित शिवधामों पर सुबह से ही भक्तों का पहुंचना हो रहा था।

भक्ति में डूबा अंचल
श्रावण माह के तीसरे सोमवार को पूरा अंचल भगवान भोले नाथ की आराधना में पूरी भक्ति भाव से डूबा रहा। श्रावण माह शुरू होने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा श्रावण सोमवार के अतिरिक्त अन्य दिनों में शिव कथाओं और शिवजी के विशेष अभिषेक कर अपनी भक्ति को शिव को अर्पित कर रहे है। श्रावण माह के तीसरे सोमवार को भगवान शिव की भक्ति के लिए शिव यात्रा निकाली गई है। इस दौरान भगवान को रथ में सवार होकर उज्जैन की तरह महाकाल यात्रा निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए नंगे पैर यात्रा कर रही थी। वहीं श्रद्धालुओं ने भगवान के विविध रूपों को रथ यात्रा में शामिल किया।


शिव तीर्थों में मेला
शहर से 15 किलोमीटर दूर उत्तर में उदयपुर स्थित श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर तक पिछले सालों की तरह भक्तों का पहुंचने का क्रम चलता रहा। गमाखर स्थित श्री शिवधाम में सुबह से भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। खेड़ापति धाम वार्ड-21 में भगवान भोले की शिव पुराण कथा प्रतिदिन सुनाई जा रही है। स्थानीय नौलखी धाम पर भी शिव कथा का आयोजन किया जा रहा है, जहां पर श्रद्धालु पहुंचकर भगवान की कथा का श्रवण कर रहे हैं। सोमवार को कांच मंदिर, गांधी चौक स्थित शिवालय में भी शिव की पूजन किया गया।

नीलकंठेश्वर मंदिर पहुंच कर कांवडिय़ों ने किया जलाभिषेक
भावसार पुलिया स्थित विश्वकर्मा मंदिर से उदयपुर के नीलकंठेश्वर महादेव के लिए महाकाल कावड़ यात्रा निकाली गई। कावडि़ए कावड़ लेकर चल रहे थे और डीजे की धुन पर श्रद्धालु थिरकते आगे आगे चल रहे थे। कावड़ यात्रा का किसी ने फूल बरसा कर तो किसी ने कांवडिय़ों को माला पहनाकर जगह-जगह स्वागत किया। कांवडिय़े बम बम भोले, हर हर महादेव के जयकारों के साथ नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे जहां पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया गया। जहां श्रद्धालुओं ने जहां भक्तिभाव से भगवान भोले नाथ की पूजन की एवं कांवडय़ात्रियों का स्वागत किया गया। इस दौरान भक्तों द्वारा प्रमुख पवित्र नदियों का जल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता रहा है। कई लोग नर्मदा मैया और वैत्रवती नदी के पवित्र जल को लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।

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