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जिस पार्टी के कैंपेन में शिंजो आबे का हुआ था मर्डर, उसने जीता चुनाव

नई दिल्ली। जापान (Japan) की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने हाउस ऑफ काउंसलर के चुनाव में जीत हासिल की थी. बता दें कि जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former Prime Minister Shinzo Abe) हाउस ऑफ काउंसलर चुनाव के लिए एलडीपी के के लिए कैंपेन कर रहे थे. इसी दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

जापान की क्योदो समाचार एजेंसी के अनुसार, प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Prime Minister Fumio Kishida) की पार्टी एलडीपी ने 248 सदस्यों वाली ऊपर सदन में बहुमत को बरकरार रखते हुए 75 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की. एलडीपी और गठबंधन की सहयोगी कोमिटो (Komeito) ने मिलकर जरूरी 166 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है.



रिपोर्ट में कहा गया है कि एलडीपी-कोमिटो गठबंधन (LDP-Komito alliance) ने आवश्यक 166 सीटों की सीमा को पार कर लिया है. 2013 के बाद से एलडीपी का ये सबसे अच्छा प्रदर्शन है. वहीं, जापान की प्रमुख विपक्षी संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 23 सीटें थीं, वो अब 20 के नीचे पहुंच गई है.

पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या का जिक्र करते हुए जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की नींव है. मैं लोकतंत्र की रक्षा के लिए कड़ी मेहनत करना जारी रखूंगा. बता दें कि 67 साल के शिंजो आबे जापान के सबसे अधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे थे. शुक्रवार को 41 साल के शख्स ने गोली मारकर आबे की हत्या कर दी थी. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

धार्मिक समूह से थी हमलावर को शिकायत
उधर, पुलिस ने कहा कि तेत्सुया यामागामी नाम के आरोपी ने शिंजो आबे को गोली मारने की बात स्वीकार कर ली है. आरोपी ने बताया कि उसे एक “विशिष्ट संगठन” संभवतः धार्मिक समूह के खिलाफ शिकायत थी. उसका मानना था कि उस संगठन का शिंजो आबे से संबंध था, इसलिए उसने शिंजो आबे को निशाना बनाया. हालांकि रिपोर्ट में धार्मिक नेता की पहचान नहीं की गई थी. पुलिस ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि पूर्व पीएम को समूह से जुड़े अन्य लोगों से क्यों निशाना बनाया गया.

बता दें कि जिस नारा शहर में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारी गई थी, एक ऐतिहासिक शहर है. यहां पर बड़ी संख्या बौद्ध मठ और मंदिर हैं. इसकी वजह ये रही कि इस शहर में बौद्ध धर्म का बड़ा प्रभाव रहा. यहां बौद्ध धर्म भरपूर फला-फूला. इस शहर में जापान के कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं.

आरोपी के घर से हाथ से बने अन्य हथियार भी हुए हैं बरामद
पुलिस अधिकारियों ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि संदिग्ध के घर की तलाशी के बाद हमले में इस्तेमाल किए गए हाथ से बने कई अन्य हथियार भी बरामद किए गए हैं. घर से विस्फोटक भी पाए गए हैं.

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यामागामी ने साल 2005 में जापान मेरिटाइम सेल्‍फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) में अधिकारी के रूप में काम किया है. इस फोर्स का काम जापान के समुद्री तटों की सुरक्षा करना है. पुलिस ने शुक्रवार को नारा शहर में उसके अपार्टमेंट पर छापेमारी की और विस्फोटक सामान के साथ घर की बंदूकें भी बरामद कीं.

2020 में छोड़ दी थी नौकरी
द जापान टाइम्स अखबार ने बताया कि हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद वह जीवन में क्या करना चाहता है, इसके बारे में भी उसे कोई जानकारी नहीं थी और उसने दो महीने पहले ही नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि वह ‘Tired’ महसूस कर रहा था. साल 2020 में वह कंसाई क्षेत्र में एक निर्माण कंपनी में कार्यरत था, लेकिन इस साल अप्रैल में उसने ये कहकर कंपनी छोड़ दी कि वह थका हुआ महसूस कर रहा है और अगले महीने ही उसने नौकरी छोड़ दी.

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