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कोरोना के बाद बाल झड़ने की समस्‍या आ रही सामने, जानें एक्‍सपर्ट के सुझाव


नई दिल्‍ली । कोरोना ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर डाला है। लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल चुकी है। वहीं कई रिसर्च और स्टडी में ये सामने आया है कि कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन (lockdown) और पोस्ट कोविड सिंप्टम्स(covid systems) के चलते लोगों में बाल झड़ने की समस्या भी आई है। आइए विशेषज्ञ से जानें कि कैसे इस समस्या से हम निपट सकते हैं। क्या है इसके पीछे की खास वजह।

जाने माने डर्मेटॉलिस्ट डॉ अनुज त्यागी कहते हैं कि कोविड टाइम में बाल झड़ने की मेन वजह टेलोजन एफ्लुवियम समस्या है। डॉ त्यागी कहते हैं कि टेलोजन एफ्लुवियम बालों के झड़ने की एक अस्थायी समस्या है जो आमतौर पर तनाव, सदमे या दर्दनाक घटना के बाद होती है। यह आमतौर पर सर के बीचोबीच होता है। टेलोजेन एफ्लुवियम बालों के झड़ने के मुख्य विकार एलोपेसिया एरीटा से एकदम अलग है।

डॉ त्यागी कहते हैं कि कोरोना की दूसरी वेव के बाद ऐसा देखा गया है कि लोगों में बाल झड़ने की समस्या काफी आम हो गई है। इसके पीछे एक वजह लाइफस्टाइल में आया बड़ा बदलाव भी है। अगर बाल झड़ने की समस्या तनाव से हटकर खानपान है तो ऐसे में जीवनशैली में बदलाव लाकर बाल झड़ने की समस्या से बचा जा सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि शारीरिक और मानसिक तनाव (mental stress) से दूर रहने पर ये समस्या कुछ समय बाद खुद ही ठीक हो जाती है।



डॉ अनुज त्यागी ने कहा कि कोरोना होने के बाद भी पोस्ट कोविड में पेशेंट को काफी ज्यादा स्ट्रेस हुआ है। यह बात पहले ही साबित हो चुकी है कि कोई भी डिजीज होने पर हमारे हेयर शॉक में चले जाते हैं, इससे हेयर फॉल बढ़ता है। ऐसे में कोविड काल में बाल झड़ने का मुख्य कारण स्ट्रेस और शॉक है।

डॉ त्यागी ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई स्टडी (Study) नहीं आई है, जिसमें ये सामने आया हो कि बाल झड़ने की समस्या के पीछे कोरोना वजह है। यह अस्थायी समस्या है जो कुछ समय में ठीक हो जाती है। बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों में बालों के झड़ने की शिकायतों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है। ये समस्या कोरोना से उबरने के एक महीने बाद देखने को मिली है।

डॉ त्यागी कहते हैं कि अगर शॉक के कारण बाल झड़ने की समस्या होती है तो ये 4 से 6 हफ्ते में रिकवर हो सकती है। कई बार 5 इसे 6 महीने लगते हैं। लेकिन अगर आपकी बाल झड़ने की समस्या सामान्य से काफी ज्यादा है तो आपको मेडिसिन की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में डॉक्टर मल्टी विटामिन वगैरह के साथ साथ ट्रापिकल ट्रीटमेंट से कवर करते हैं।

कई मामलों में कोरोना इन्फेक्शन के दौरान भी बालों का झड़ना देखा गया है। इस वजह से विशेषज्ञों के पास बालों के झड़ने की चार से पांच शिकायतें प्रति सप्ताह आ रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ समय से बाल झड़ने से जुड़े मामले दोगुना हो गए हैं। फिलहाल डॉक्टर बालों के झड़ने की समस्या के पीछे स्ट्रेस या डिजीज शॉक जैसे अस्थायी कारणों को ही वजह मानकर इलाज कर रहे हैं।

डॉ त्यागी ने कहा कि कोविड के बाद अगर आपकी बाल झड़ने की समस्या पांच से छह हफ्ते में भी ठीक नहीं हुई है तो इसे गंभीरता से लें। हमें प्रिंवेशन के तौर पर कोरोना से बचाव के तरीकों के साथ साथ प्रॉपर बैलेंस डाइट और वाटर इनटेक ज्यादा लेना है, इससे हेयर फॉल कम हो जाएगा। सबसे जरूरी चीज है कि बालों के झड़ने की समस्या से जूझ रहे लोगों को स्ट्रेस से बहुत बचना है।

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