इन्दौर (Indore)। दूरदराज इलाकों से इंदौर आकर नौकरी (Job) कर रही महिलाओं को अब प्राइवेट होस्टलों (private hostels) के भरोसे नहीं रहना होगा। इंदौर में संचालित हो रहे वसती गृहों की सूरत बदलने जा रही है। खंडहर हो रही बिल्डिंगों को जहां संवारा जाएगा, वहीं नए होस्टल भी तैयार किए जाएंगे। चुनाव के पहले सरकार जहां महिलाओं, युवाओं और बच्चों को साधने के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं की घोषणाएं कर रही हैं, उसी कड़ी में अब नौकरीपेशा महिलाओं को सुव्यवस्थित, सुरक्षित आशियाना दिलाने के लिए पहल शुरू की जा रही है।
प्रदेश स्तर पर आयोजित की जा रही व्यवस्थाओं में हर जिले में संचालित हो रहे वसती गृहों की सूची तैयार की जा रही है। वहीं ऐसे शहरों की लिस्ट भी तैयार हो रही है, जहां नौकरी की संभावनाएं तो हैं, लेकिन महिलाओं के लिए व्यवस्था नहीं। सरकार ने जर्जर भवनो में चल रहे वसती गृहों का जीर्णोद्धार करने के लिए जिलों से जर्जर हो चुके वसती गृहों की जानकारी मंगाई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित हो रहे सरकारी होस्टलों की सूची तैयार करे। ज्ञात हो कि संचालनालय द्वारा विभाग की कराई गई आडिट रिपोर्ट में खस्ताहाल हो चुके गृहों की दशा सामने आई थी, जिसके बाद जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया।
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