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किसान नेताओं का प्रयोजन समस्‍या का हल करना नही, अपने हित साधना है : दुष्यंत चौटाला

 

चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे 40 किसान नेताओं का इरादा समस्या का समाधान करना नहीं, बल्कि अपने हित साधना है.

बता दें बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री (central minister) बीरेंद्र सिंह ने हाल में बयान दिया था कि किसानों की समस्या का समाधान खोजने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए. चौटाला ने इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन नेताओं ने विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन करने के लिए कई किसानों (Farmers) को बढ़ावा दिया, लेकिन वे करीब चार महीने से वार्ता के लिए आगे नहीं बढ़ रहे.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने पहले प्रधानमंत्री से भी लिखित में अनुरोध किया था कि एक टीम का गठन किया जाना चाहिए. केंद्र ने 40 (किसान) नेताओं को कई बार संदेश भी भेजे कि उन्हें इस मामले पर वार्ता के लिए आगे आना चाहिए.’’



चौटाला ने कहा, ‘‘26 जनवरी (किसानों की ट्रैक्टर रैली) के बाद से करीब चार महीने हो गए हैं और इन 40 नेताओं ने हजारों लोगों को विभिन्न सीमाओं पर बैठाए रखा है, लेकिन वे वार्ता के लिए आगे नहीं आ रहे. यह दर्शाता है कि उनका इरादा कृषि को बचाना नहीं, बल्कि अपने हित साधना है.’’

हरियाणा(Haryana) में भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन साझेदार जननायक जनता पार्टी के नेता चौटाला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे और राज्य में अन्य छोटे दल इस (किसान) आंदोलन के जरिए अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. उन्होंने किसान नेताओं पर यह झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया कि मंडी बंद हो जाएंगी और किसान तबाह हो जाएंगे. उन्होंने मौजूदा फसल खरीद की जानकारी साझा की और कहा कि यह प्रक्रिया आसानी से पूरी हो गई.

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