नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है. BJP 48 सीटें जीतकर तकरीबन 27 साल बाद अपने दम पर सरकार बनाने की स्थिति में आई है. वहीं, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को महज 22 सीटें मिलीं और AAP को दस साल के बाद करारी चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा. दिल्ली में भाजपा की अगुआई में अभी तक सरकार का गठन नहीं हो सका है, लेकिन चुनावी वादों पर अमल को लेकर हलचल बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में जीत के बाद ‘यमुना मैया की जय’ का नारा दिया था, जिसका असर अब दिखने लगा है. अरविंद केजरीवाल ने साल 2021 में 2025 तक यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन उनका यह वादा अधूरा रह गया. विधानसभ चुनाव में यमुना की सफाई का मुद्दा जोरशोर से उछला था.
बीजेपी के जीतने के बाद अब उसपर अमल की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यमुना नदी की सफाई के काम को फिर से शुरू कर दिया गया है. एलजी वीके सक्सेना ने जिम्मेदार अधिकारियों को यमुना की सफाई का काम तत्काल शुरू करने का आदेश दिया है. दरअसल, दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का अभियान शुरू कर दिया गया है. यमुना नदी ट्रैश स्किमर, वीड हार्वेस्टर और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट ने सफाई अभियान शुरू कर दिया है. एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को यमुना की सफाई का काम तुरंत शुरू करने के निर्देश दिया है. इसके लिए खास योजना भी तैयारी की गई है, ताकि पूर प्लानिंग के साथ यमुना को साफ करने की मुहिम को आगे बढ़ाया जा सके.
बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में यमुना नदी की सफाई मसला काफी छाया रहा था. बीजेपी ने दिल्ली की जनता से यमुना नदी को साफ करने का वादा भी किया है. चुनाव जीतने के बाद सरकार का गठन अभी भले न हुआ हो, लेकिन यमुना की सफाई पर काम शुरू कर दिया गया है. दिल्ली में यमुना की हालत बेहद खराब है. यह नदी कम और नाले के रूप में ज्यादा परिवर्तित हो चुकी है. लेकिन, अब देश की राजधानी में लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाली यमुना का भाग्य बदल सकता है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर यमुना नदी की सफाई के लिए चार स्तरीय योजना तैयार की गई है.
वे इस प्रकार हैं:-
यमुना नदी की सफाई के लिए तैयार इस योजना को अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को इंडस्ट्रियल यूनिट से बिना ट्रीट किए कचरा या पानी को यमुना में बहाए जाने पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया गया है. गौरतलब है कि जनवरी 2023 में NGT द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति के तहत यमुना पुनर्जीवन अभियान शुरू हुआ था. जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कार्य ठप हो गया था. अब इस अभियान को फिर से तेज गति से शुरू किया गया है.
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