सारे ग्रामीण घरों से निकल कर खेत और सडक़ों पर बाहर आ गए, नहीं करने दिया सर्वे
इंदौर । इंदौर (Indore) जिले के हातोद तहसील (Hatod Tehsil) में कल एक बार फिर चार गांव में नेशनल हाईवे (National Highway) की टीम (team) का रास्ता रोक दिया गया। सारे गांव के ग्रामीण (Rural) निकल कर बाहर आ गए। इन ग्रामीणों के द्वारा इस टीम को सर्वे नहीं करने दिया गया।
गांव के लोगों के साथ जगह-जगह बहस करने के बाद इस टीम के सदस्यों को यह लग गया कि गांव के लोग उन्हें सर्वे नहीं करने देंगे। ऐसी स्थिति में यह टीम गांव से वापस बैरंग लौट गई। लगातार कल तीसरा दिन था जब इस टीम को किसी भी गांव में ग्रामीणों ने सर्वे नहीं करने दिया। इस पूरे मामले में भारतीय किसान संघ के द्वारा मोर्चा खोला गया है। किसान संघ के पदाधिकारी और संघ से जुड़े हुए ग्रामीण जन के द्वारा सभी ग्रामीणों को एकजुट करने का अभियान चलाया जा रहा है।
पहले गाइडलाइन बढ़ाओ फिर जमीन का अधिग्रहण करो, गांव में सर्वे का काम 1 अप्रैल तक रोका जाए- पटेल
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल ने कहा है कि प्रदेश सरकार पहले जमीन की गाइडलाइन बढाए उसके बाद में आउटर रिंग रोड के लिए जमीन का अधिग्रहण करें । गांव में सर्वे का जो काम शुरु किया गया है उसे 1 अप्रैल तक के लिए रोका जाए।
पटेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पिछले 8 साल से जमीन की गाइडलाइन नही बदली गई है । बीच में प्रदेश में 18 महीने के लिए आई सरकार ने गाइडलाइन 20 प्रतिशत कम कर दी थी। उसके बाद में सरकार के द्वारा अभी तक गाइडलाइन बढाई नहीं गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा बार-बार यह घोषणा की जा रही है कि हम हर 4 महीने में गाइडलाइन की समीक्षा कर उसमें परिवर्तन कर देंगे। इस घोषणा के क्रियान्वयन की दिशा में कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसे में इस समय आउटर रिंग रोड और पश्चिम में रिंग रोड के लिए भूमि का अधिग्रहण करने के मकसद से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा सर्वे की कार्रवाई शुरू की गई है। हम इस कार्रवाई का विरोध करते हैं। इस कार्रवाई से किसानों का हित प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वे की इस कार्रवाई को 1 अप्रैल तक के लिए रोक दिया जाना चाहिए। सरकार नहीं वित्त वर्ष के मौके पर गाइडलाइन में संशोधन कर सुधार करें उसके बाद में सर्वे कराया जाए। नई गाइडलाइन के हिसाब से किसानों को मुआवजा देने की व्यवस्था की जाना चाहिए। पूर्व की सरकार जब एक नोटिफिकेशन जारी करके गाइडलाइन को 20 प्रतिशत घटा सकती है तो फिर वर्तमान सरकार नोटिफिकेशन जारी करके गाइडलाइन को बड़ा क्यों नहीं सकती है। इस बारे में हमारे द्वारा प्रदेश सरकार से लेकर जिला कलेक्टर तक सभी को अपनी मंशा से अवगत करा दिया गया है।
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