इंदौर न्यूज़ (Indore News)

न दवा है न इलाज की क्षमता फंगस से बचें

इंदौर। कोरोना (Corona) की जंग जीतकर हंसी-खुशी घर पहुंचे लोगों के सुकून पर एक और कहर टूट रहा है और यह जानलेवा कहर कोरोना (Corona) जैसी बीमारी (disease) पर भी भारी पड़ रहा है। कोरोना के इलाज के लिए तो तमाम वैकल्पिक दवाइयां मौजूद हैं, लेकिन इलाज के बाद उनकी जिंदगी में अंधेरा लाने वाले और अंधेरे से मौत की ओर ले जाने वाली भयानक बीमारी ब्लैक फंगस (black fungus) को नियंत्रित करने वाले इंजेक्शन नदारद हैं। इसलिए मरीज अंधत्व से लेकर मौत तक के शिकार हो रहे हैं। विपदा यह है कि कोरोना (Corona) की जंग में लाखों रुपए फूंकने वाले लोगों में ब्लैक फंगस की बीमारी से लडऩे की आर्थिक क्षमता भी समाप्त हो चुकी है।

अस्पतालों से लौटने वाले ही शिकार
इस बीमारी (disease) का शिकार केवल अस्पताल से लौटने वाले मरीज ही हो रहे हैं, क्योंकि इन्हें अस्पतालों में जहां हाई डोज दिया जा रहा है, वहीं वे अस्पतालों की लापरवाही का शिकार होकर भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं।


कारण जानिए… बीमारी से बचिए
1. सबसे बड़ा कारण कोरोना (Corona) केे इलाज के दौरान दिए जा रहे स्टेराइड (steroid) एवं अन्य बीमारियों से बढऩे वाली शुगर है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए तो घातक है ही, वहीं जिन मरीजों को शुगर की बीमारी नहीं उन्हें भी डायबिटीज का शिकार बना देती है। अस्पताल में यह शुगर अनियंत्रित होने के बाद घर लौटने पर सतर्कता नहीं बरतने से ब्लैक फंगस (black fungus) का शिकार बना देती है।

2. दूसरा कारण, जिस पर अस्पतालों में ध्यान नहीं दिया जा रहा है वह है ऑक्सीजन मास्क… दरअसल ऑक्सीजन मास्क से निकलने वाली ऑक्सीजन जहां नाक के जरिए मरीज को राहत पहुंचाती है, वहीं नाक के पास से निकलकर आंखों में भी जाती है, जिससे आंखें ड्राय हो जाती हैं और लगातार कई दिनों तक ऑक्सीजन लेने वाले मरीज ही फंगस का शिकार हो जाते हैं।

3. ऑक्सीजन बॉटल में डिस्टिल वाटर (distilled water) या आरओ का शुद्ध पानी भरा जाना चाहिए, लेकिन अस्पताल में मरीजों की भारी तादाद और नर्सिंग स्टाफ की कमी के चलते नलों का पानी भरा जा रहा है, जिससे ऑक्सीजन में भी अशुद्ध पानी का मिश्रण हो रहा है।

बचाव – मरीजों और उनके परिजनों को चाहिए कि वह इलाज के दौरान ही आंखों में आई ड्राप (eye drops) डलवाएं और उन्हें गीला रखेें, ताकि फंगस के शिकार न बनें। साथ ही ऑक्सीजन मास्क बराबर पहनें, ताकि हवा आंखों तक न पहुंचे। हो सके तो ऑक्सीजन मास्क के बजाय ऑक्सीजन ट्यूब सीधे नाक में लगा लें और नाक में भी नोजल ड्राप डालते रहें। इसके अलावा हर दो घंटे की शुगर की जांच कराएं और घर लौटने पर न केवल यह जांच जारी रखें, बल्कि डिस्चार्ज होने पर दवाइयों के साइड इफेक्ट और एहतियात को समझें।

Share:

Next Post

Mamata Banerjee के छोटे भाई का Corona से निधन

Sat May 15 , 2021
नई दिल्‍ली । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के छोटे भाई का निधन हो गया है। शनिवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। ऐसा बताया जा रहा है कि कोरोना (Corona) की वजह से ममता बनर्जी के छोटे भाई का निधन हो गया है। असीम बनर्जी (Aseem Banerjee) कोरोना से संक्रमित […]