- जीतने वाले को टिकट देना ही कांग्रेस की प्राथमिकता : दिग्गी
इंदौर। दो दिन से इंदौर में बैठकें ले रहे दिग्विजयसिंह ने कल जाते-जाते स्पष्ट कर दिया कि अभी कांग्रेस में टिकट वितरण का कोई फार्मूला तय नहीं किया गया है। विधानसभाओं में पार्टी का आंतरिक सर्वे किया जा रहा है और उसी के आधार पर कमलनाथ तय करेंगे कि टिकट किसे देना है और किसे नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जीतने वाला चेहरा ही कांग्रेस की प्राथमिकता होगा।
हालांकि इंदौर की विधानसभा 2 में दिग्गी ने सरेआम मंच से चिंटू चौकसे को लेकर इशारा कर दिया कि यहां से वे पार्टी के उम्मीदवार होंगे। चौकसे ने ही आगे होकर कांग्रेस के प्रदेश संगठन के सामने 2 नंबर से चुनाव लडऩे की मांग की थी। चूंकि 2 नंबर में अन्य कोई उम्मीदवार नहीं है, इसलिए चिंटू का नाम ही तय माना जा रहा है। वहीं 4 और 5 नंबर विधानसभा की बैठक में दावेदारों ने अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन दिग्गी सबको कहते रहे कि वे टिकट बांटने नहीं, बल्कि संगठन का ढांचा परखने और विधानसभा सीट के समीकरण जानने आए हैं। दो दिन में तीन विधानसभाओं की बैठक के बाद उनके पहले चरण का दौरा समाप्त हो गया। वे अभी तक 66 विधानसभा क्षेत्रों की बैठकें ले चुके हैं, जो या तो भाजपा का गढ़ रही हैं या फिर कई बार से भाजपा के कब्जे में हैं।
वैसे दिग्गी के दौरे के बाद कांग्रेसियों में उम्मीद तो बंधी है, लेकिन टिकट वितरण में अगर कोताही बरती गई तो गुटबाजी और विरोध के चलते समीकरण भी बिगड़ सकते हैं। कल इंदौर से भोपाल जाते समय दिग्विजयसिंह ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल टिकट वितरण का फार्मूला तय नहीं हुआ है। किसे टिकट देना है और किसे टिकट नहीं देना, ये संगठन का काम है। फिर भी हमारी कोशिश है कि जो जीतने वाला चेहरा है, उसे ही टिकट मिले। उन्होंने यह भी कहा कि टिकट की दावेदारी करने के लिए इधर-उधर घूमने वाले घूमना बंद कर दें और अपनी विधानसभा पर ध्यान दें, ताकि संगठन की मजबूती हो सके। पार्टी का एक अपना सर्वे चल रहा है, जो कमलनाथ करवा रहे हैं। उसके आधार पर भी टिकट दिए जाएंगे। इस सर्वे में सभी प्रकार के बिंदु रखे गए हैं। इसमें दावेदार की सामाजिक छवि से लेकर उसके राजनीतिक कॅरियर से संबंधित बातों को भी ध्यान रखा जाएगा और वह अपने क्षेत्र की जनता में कितना सक्रिय है, इसको लेकर भी ध्यान दिया जा रहा है। तीनों विधानसभाओं की बैठक में भी उन्होंने यही कहा कि किसी एक को टिकट मिलेगा और आपको उसका साथ देना है और हाथ के पंजे के लिए काम करना है। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का उल्लेख भी किया। जाते-जाते वे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सीख दे गए कि इधर-उधर झांकने के बजाय अपने बूथ और वार्ड में ध्यान दें।
Share: