भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश राजनीति

OBC आरक्षण को लेकर तीन घंटे हुआ मंत्रालय में मंथन

भोपाल। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर इस पर राजनीति तेज हो गई है। एक ओर जहां आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर विपक्ष सत्‍तापक्ष को घेर रहा है तो वहीं सत्‍तापक्ष भी विपक्ष आड़े हाथों ले रहा है।



विदित हो कि मध्‍यप्रदेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग जहां न्‍यालय तक पहुंच गई तो वहीं इस पर अब राजनीति भी होने लगी है। गत दिवस मंत्रालय में करीब तीन घंटे चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने ओबीसी मंत्रियों और विधायकों के साथ फिर से मंथन किया। बैठक में मंत्री मोहन यादव, कमल पटेल, भूपेंद्र सिंह, इंदर सिंह परमार, राम खिलावन पटेल, राम किशोर कांवरे, भारत सिंह कुशवाह, प्रेम पटेल, विधायक जालम सिंह पटेल, प्रदीप पटेल सहित महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव उपस्थित थे। साथ ही एक्सपर्ट वकीलों का पैनल भी बैठक में मौजूद था। इससे पहले इसी मुद्दे पर करीब एक पखवाड़े पहले भी सीएम हाउस में बैठक हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था। हाल ही में मानसून सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुई तीखी तकरार के बाद अब सड़क पर भी आरक्षण की लड़ाई और तेज होती दिखाई दे रही है।
गुरूवार को हुई मंत्रालय में हुई बैठक के बारे में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा आरक्षण के मुद्दे पर चल रही सुनवाई में एमपी सरकार देश के बड़े वकीलों को कोर्ट में पेश करेगी। हाइकोर्ट में अगली सुनवाई पर रविशंकर प्रसाद और तुषार मेहता जैसे बड़े वकील पेश हो सकते हैं। सरकार कोर्ट से कहेगी अगली सुनवाई अंतिम सुनवाई के तौर पर की जाए। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण पर पंचायत करने की तैयारी भी है. बीजेपी जनता के बीच जाकर आरक्षण के मुद्दे पर सच्चाई बताएगी। भूपेंद्र सिंह ने कहा सरकार हर स्तर पर कानूनी लड़ाई मजबूती से लड़ेगी।



बता दें कि वर्ष 2019 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार पिछड़ा वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण देने का विधेयक लेकर आई थी, किन्‍तु 27 फ़ीसदी आरक्षण पर तत्काल ही हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया था। इसके बाद प्रदेश में ओबीसी को 14% आरक्षण ही दिया जा रहा है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ओबीसी को 27 फ़ीसदी आरक्षण ना मिल पाने के लिए मौजूदा शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा किया। जिसके बाद से दोनों दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्‍यारोप लगा रहे हैं। कुलमिलाकर अब मामला कोर्ट में है और सुनवाई के दौरान सरकार अपनी ओर से पक्ष रखेगी।

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