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PM मोदी और डॉ. कलाम के बीच था आत्मीय रिश्ता, बताते थे अच्छा दोस्त

नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति और प्रख्यात वैज्ञानिक (Former President and Eminent Scientist) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के बीच बेहद आत्मीय रिश्ता था। डॉ. कलाम मोदी को खास दोस्त बताया करते थे और अक्सर मोदी उनसे मिलने पहुंच जाया करते थे। डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती पर उनके पोते एपी जेएमजे शेख सलीम ने यह खुलासा किया।

जब घर आकर मिले मोदी
शेख सलीम ने बताया कि एक दिन डॉ. कलाम ने मुझसे कहा था कि मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त गुजरात से आ रहा है। मुझे लगा कि उनके कोई दोस्त मिलने आने वाले हैं। इसके तुरंत बाद बहुत सी गाड़ियां घर के बाहर आ गईं। मैंने देखा कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी डॉ. कलाम से मिलने आए हैं। उन्होंने सभी गाड़ियों को घर के बाहर रोक दिया था। वह पैदल चलकर घर के अंदर आए थे। यह मेरे लिए बहुत बड़ा पल था। यह घटना वर्ष 2009 की है। मैं तब देश के सबसे महान मुख्यमंत्री से मिल रहा था।


मोदी ने डॉ. कलाम को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. कलाम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट किया, एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने देश में जो योगदान दिया है, उसकी बहुत प्रशंसा की जाती है। उन्होंने समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल बैठाया। कलाम की गिनती देश के अग्रणी वैज्ञानिकों में होती है। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं, जो युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय हुई हैं।

डॉ. कलाम 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे और सादे रहन-सहन तथा पक्षपात रहित आचरण के लिए विभिन्न लोगों तथा राजनीतिक दलों के बीच उनका काफी सम्मान किया जाता है। उन्हें राष्ट्रपति भवन का द्वार आम जनता के लिए खोलने का श्रेय भी दिया जाता है और उन्हें स्नेहपूर्वक ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा जाता है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद किया था फोन
शेख सलीम ने बताया कि डॉ. कलाम हमेशा प्रधानमंत्री मोदी के आभारी रहे। मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने डॉ. कलाम को आशीर्वाद के लिए फोन किया था। कलाम ने उन्हें देश को आगे ले जाने के लिए विकास के काम करने का सुझाव दिया था। तब डॉ. कलाम ने 2020 में देश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा था।

शेख सलीम ने कहा कि 2015 में जब डॉ. कलाम का निधन हो गया। प्रधानमंत्री कार्यालय से दिल्ली में अंतिम संस्कार करने के लिए कॉल आई, लेकिन डॉ. कलाम के बड़े भाई ने पार्थिव शरीर रामेश्वरम लाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने तुरंत इसे स्वीकार कर लिया। केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा सारी व्यवस्था की गई। नरेंद्र मोदी डॉ. कलाम के अंतिम दर्शन के लिए आए थे।

मेमोरियल के निर्माण पर खुद नजर रखते थे
नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए शेख सलीम ने कहा, प्रधानमंत्री ने नौ महीने में डॉ. कलाम का मेमोरियल बनाने का लक्ष्य दिया था। प्रधानमंत्री 27 जुलाई 2017 को मेमोरियल का उद्घाटन करना चाहते थे। मेमोरियल का निर्माण डीआरडीओ द्वारा किया गया। हर महीने प्रधानमंत्री मेमोरियल के निर्माण में हुई प्रगति की जानकारी लेते थे। उन्होंने वादा पूरा किया। वह रामेश्वरम आए और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल का उद्घाटन किया।

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