उज्जैन। जलसंकट से जूझ रहे शहर को मई की बेमौसम बारिश ने राहत दी थी, लेकिन जून में बादलों की बेरुखी से बारिश फिर गायब है, जिसके कारण शहर में फिर जलसंकट की स्थिति बनने लगी है। मई की बारिश ने जिन सूखे बोरिंगों में जान फूंकी थी, वो जून के सूखे से फिर सूखने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कम बारिश के कारण इस बार गर्मी की शुरुआत में ही शहर में भूजल स्तर गिरने लगा था। मार्च से अप्रैल के बीच ही आधे शहर के बोरिंग सूख गए थे। नगर निगम और प्रशासन के लिए भी जलसंकट से निपटना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में मई में बेमौसम जोरदार बारिश हुई। मई में इंदौर के इतिहास के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और सर्वाधिक 2.87 इंच बारिश दर्ज की। मई में लग रहा था जैसे बारिश का मौसम आ गया हो। इस बारिश से सभी सूखे बोरिंग फिर जीवित हो उठे थे। तालाबों में भी जलस्तर में जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई थी, लेकिन मई अंत से ही थमा बारिश का दौर अब तक थमा ही हुआ है, जिसके कारण भूजल स्तर एक बार फिर गिरने लगा है और बोरिंग सूखने लगे हैं। अब सभी को अच्छी बारिश का इंतजार है।
आधा जून बीतने तक मिला सिर्फ आधा इंच पानी
1 जून से अब तक शहर में सिर्फ 17.4 मिलीमीटर यानी 0.68 इंच बारिश दर्ज की गई है। यानी करीब आधा जून बीत जाने के बाद भी शहर में सिर्फ आधा इंच बारिश हुई है, जिसके कारण जलस्तर में कमी आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार आज से अच्छी बारिश की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तब तो शहर को राहत मिल सकती है, अन्यथा पानी की समस्या फिर गहरा सकती है।
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