- निकाय चुनाव से पहले विस्तार एवं फेरबदल की संभावना
रामेश्वर धाकड़
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले हफ्ते बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। जिसमें आयु एवं परफार्मेंस के आधार पर 13 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा गया है। अब मप्र में भी शिवराज मंत्रिमंडल (Shivraj Cabinet) में उलटफेर की अटकलें शुरू हो गई हैं। संभवत: निकट भविष्य में होने वाले निकाय एवं पंचायत चुनाव से पहले शिवराज मंत्रिमंडल आकार ले सकता है। जिसमें कुछ मंत्रियों को आयु एवं परफॉर्मेंस के आधार पर बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। कुछ के विभाग बदलेंगे। हालांकि कांग्रेस से आने वाले किसी भी मंत्री को कोई खतरा नहीं है।
शिवराज मंत्रिमंडल (Shivraj Cabinet) में 30 मंत्री हैं। जिनमें से 23 कैबिनेट एवं 7 राज्यमंत्री हैं। सिंधिया (Sindhiya) समर्थकों को छोड़ दिया जाए तो कैबिनेट में ज्यादातर पुराने चेहरे हैं। जो पिछली सरकारों में भी मंत्री रहे हैं। सिर्फ मोहन यादव, ओमप्रकाश सकलेचा, ऊषा ठाकुर एवं अरविंद सिंह भदौरिया पहली बार मंत्री बने हैं। मंत्रिमंडल में 4 और विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि सत्ता एवं संगठन हर मंत्री की परफार्मेंस पर नजर रख रहा है। खासकर वरिष्ठ मंत्रियों पर पैनी नजर है। संघ, भाजपा संगठन एवं सरकार से जुड़ सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार को उप्र समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है, लेकिन जिन चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उनके नाम पर संघ एवं संगठन की भी मुहर लगी है। इसी तरह मप्र में भी कुछ चेहरों को बदलने का फैसला भाजपा हाईकमान (BJP High Command) की सहमति से ही होगा। भाजपा से जुड़े दिल्ली सूत्र के अनुसार शिवराज मंत्रिमंडल में भी मोदी की तर्ज पर चर्चित चेहरे बाहर और अंदर होंगे।
चुनाव पर फोकस
मप्र में मंत्रिमंडल का विस्तार अगले विधानसभा चुनाव एवं निकाय, पंचायत चुनाव के मद्देनजर होगा। जिसमें ओबीसी, एस-एसटी को खासी तवज्जो दी जाएगी। एजेंडे के तहत संघ की ओर से एसटी-एसटी के चेहरे तय होंगे। जबसे सरकार ने कोर्ट में ओबीसी के आंकड़े दिए हैं। तब से सरकार ओबीसी को लेकर भी टेंशन में हैं। ऐसे में कुछ ओबीसी विधायकों की मंत्री के लिए लॉटरी लग सकती है।