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स्वतंत्रता दिवस पर समारोह नहीं होंगे, प्रतीक स्वरूप मनाया जाएगा

  • मप्र: कैबिनेट में सीएम शिवराज का फैसला
  • प्रदेश में 15 अगस्त प्रतीक स्वरूप में मनाया जाएगा
  • कोरोना के बढ़ते संक्रमण काे देखते हुए एहतियात बरतने के निर्देश
  • उज्जैन के दुष्कर्मी आबकारी इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने के निर्देश

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक दो दिन करने का फैसला किया है। इसमें मंत्रियों से 22 और 23 जुलाई को वन-टू-वन चर्चा करेंगे। इसी के साथ इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह प्रतीक स्वरूप ही मनाया जाएगा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण समारोह नहीं मनाएं जाएंगे और न ही स्कूलों में बच्चों को बुलाया जाएगा। बुधवार को हुई कैबिनेट में मुख्यमंत्री ने ये फैसला लिया।
उन्होंने मंत्रियों से साफ कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह पर 15 अगस्त के दिन समारोह सीमित व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ मनाना आवश्यक है। सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए कार्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराया जाए। स्वतंत्रता दिवस समारोह पूर्वक न होकर प्रतीक स्वरूप हो। इनमें पारंपरिक रूप से बच्चों को बुलाए जाने और कार्यक्रम में शामिल करने की परंपरा इस वर्ष स्थगित रखी जाए।
कैबिनेट बैठक में उज्जैन में दुष्कर्म के आरोपी आबकारी इंस्पेक्टर पंकज जैन को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उज्जैन में आबकारी विभाग में कार्यरत पंकज जैन दुष्कर्म का आरोपी है, उसे नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला लिया है। इस विषय में अब कोई भी विभागीय जांच नहीं होगी। सीएम ने कहा- आपराधिक तत्वों के विरुद्ध मुहिम जारी रहेगी। किसी भी स्थिति में दुष्कृत्य के आरोपियों को माफ नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज और कल दो दिन मैं मंत्रियों के साथ वन टू वन बैठक करूंगा। इस दौरान विभागीय जानकारी, रोड मैप, डिलेवरी मैकेनिज्म विषयों पर चर्चा होगी। मंत्रियों को किसी भी स्रोत से कोई जानकारी मिले तो उसकी गहराई में जाएं, जरूरत हो तो कार्रवाई करें। मंत्रियों से कहा कि जुलाई में आप अपने विभाग को अच्छे से देख लें, समझ लें, कार्यों के लिए टारगेट सेट करें। अगस्त से विभाग की समीक्षा शुरू करूंगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान और उनके मंत्र को मूर्त रूप देने के लिए मध्यप्रदेश में मंत्री, विभागीय स्तर पर प्रयास कर उन्हें क्रियान्वित करें। इसके लिए विद्वानों, विशेषज्ञों और प्रमुख संगठनों से भी चर्चा की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने पहले दिन जो वन-टू-वन चर्चा की है। उसमें बृजेंद्र प्रताप सिंह, तुलसी सिलावट, मीना सिंह, कमल पटेल, एंदल सिंह कंसाना और गोविंद सिंह राजपूत शामिल हैं। सबसे पहले उन्होंने पन्ना से राज्यमंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह से चर्चा की।

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