नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोराना वायरस (pandemic korana virus) का कहर जिस तरह पिछले दो साल से बरप रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। चीन के बुहान शहर से कोराना वायरस (pandemic korana virus) की हुई पहचान के बाद धीरे-धीरे यह वायरल पूरी दुनिया में फैल गया और इसे काबू करने के लिए आज भी कई देशों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक इसे खत्म करने के लिए अभी तक कोई खास कारगार दवा सामने नहीं आई है, इस महामारी को खत्म करने दूसरी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां ही कोरोना संक्रमित (corona infected) मरीजों की दी जा रही है, हालांकि इस समय वैक्सीन भी लगाई जा रही है इसके बाद भी कोरोना के मामले आए दिन सामने आ रही है, किन्तु वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए दवाइयों के मोर्चे पर अच्छी खबर सामने आ रही है। भारत में इस वक्त करीब 20 दवाओं का ट्रायल किया जा रहा है। अब माना जा रहा है है कि इनमें से कुछ को जल्द ही हरी झंडी मिल सकती है जो कोराना को हराने में कारगार साबित हो सकती है।
बता दें कि वैश्विक महामारी करोना वायरस से अमेरिका में कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले संख्या बढ़कर 7 लाख हो गई है। अमेरिका में डेल्टा स्वरूप के कारण मृतकों की संख्या 6 लाख से 7 लाख पहुंचने में महज साढ़े तीन महीने का वक्त लगा। डेल्टा स्वरूप का संक्रमण उन लोगों में ज्यादा फैला जिन्होंने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक नहीं ले रखी थी, हालांकि भारत में टीकाकरण महाअभियान चल रहा है और अभी तक यहां 89 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लग चुका है।
वहीं कोरोना संक्रमण की गिरती संख्या को देखकर ऐसा लग रहा है कि इन दवाओं कि डिमांड फिलहाल थोड़ी कम होगी, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में ये दवाएं कोरोना की लहर को रोकेगी, साथ ही ऐसे लोगों के लिए रामबाण साबित होगी जिनकी इम्यूनिटी थोड़ी कम है।
अमेरिकी फार्मा दिग्गज मर्क एंड रिजबैक बायोथेरेप्यूटिक्स की ओरल एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर ने कोरोना के खिलाफ अब तक अच्छा काम किया है. इस दवा को लेने वाले 50% लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।
वहीं अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला की बात करें तो यह एकमात्र भारतीय कंपनी है, जिसने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को बेअसर करने वाली कॉकटेल दवा विकसित करने का दावा किया है, जबकि मुंबई स्थित ग्लेनमार्क द्वारा कोविड-19 के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड नेज़ल स्प्रे को भारत में बड़े स्तर पर ट्रायल करने की मंजूरी दी गई है। साथ ही इसके अलावा और भी ढेर सारी दवाओं पर रिसर्च किया जा रहा है। Share: