नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से अभी तक लोग उभर नहीं पाए कि अब वैज्ञानिकों ने तीसरे लहर लहर (Coronavirus Third Wave) की भी चेतावनी जारी कर दी है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कई विशेषज्ञों ने कहा कि यह अक्टूबर के आस-पास आएगी। लेकिन आईसीएमआर (ICMR) के एक बड़े डॉक्टर ने कहा कि कोरोना तीसरी लहर अगस्त के आखिर में आ सकती है और दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के प्रमुख डॉ समीरन पांडा ने बताया कि एक राष्ट्रव्यापी तीसरी लहर आएगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह दूसरी लहर जितनी खतरनाक या उतनी ही तीव्र होगी। इसका कितना असर होगा यह कहना मुश्किल है।
डॉ पांडा का कहना है कि तीसरी लहर आने के चार कारकों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि पहला कारण पहली और दूसरी लहर में हासिल की गई इम्युनिटी का कम होना है। उन्होंने कहा कि अगर ये नीचे जाती है तो तीसरी लहर आ सकती है। दूसरा कारक उन्होंने बताया कि अभी तक हासिल की गई इम्युनिटी पर नया वेरिएंट बढ़त बना सकता है। अगर वेरिएंट इम्युनिटी को पार नहीं कर पाता है तो इसकी प्रकृति तेजी से फैलने वाली हो सकती है जिसे उन्होंने तीसरे कारक के रूप में बताया। पांडा ने चौथा कारक राज्यो के जल्दीबाजी में प्रतिबंध हटाने को बताया जिससे कि नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि दोनों ही वेरिएंट डेल्टा और डेल्टा प्लस देश में फैले हुए हैं और उन्हें डेल्टा वेरिएंट से किसी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के कहर की उम्मीद नहीं है।
वहीं डब्ल्यूएचओ ने भी कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण नए और ज्यादा खतरनाक वेरिएंट के दुनिया भर में फैलने की आशंका है, जिसे रोक पाना और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
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