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भारत के इस लड़के ने Android में खोजी गंभीर खामी, Google से मिला लाखों रुपये का इनाम

नई दिल्ली। भारत के एक यंग सिक्योरिटी इंजीनियर को Google ने लाखों रुपये इनाम में दिए हैं। गूगल द्वारा यह इनामी रकम Android प्लेटफॉर्म में गंभीर खामी खोजने के लिए दी गयी है। आपको बता दें कि टेक कंपनियां समय-समय पर बाउंटी प्रोग्राम आयोजित करती रहती हैं। इस प्रोग्राम में सॉफ्टवेयर या वेबसाइट में खामी खोजने पर इनाम दिया जाता है। वैसे तो कई भारतीय भी बाउंटी प्रोग्राम में हिस्सा लेकर इनाम जीतते रहते हैं। लेकिन इस बार Google से असम के रोनी दास (Rony Das) ने यह इनाम अपने नाम किया है। बताया जा रहा है कि एंड्राइड प्लेटफॉर्म (Android Platform) में गंभीर खामी खोज निकलने पर गूगल ने रोनी दास (Rony Das) को 5,000 डॉलर (लगभग 3.5 लाख रुपये ) का इनाम दिया है।


रोनी (Rony ) की रुचि शुरू से ही सिक्योरिटी रिसर्च में रही है। उन्होंने एंड्राइड फोरेग्रॉउंड सर्विसेज (Android Foreground Services) में एक बग को लेकर रिपोर्ट किया। इससे बैंकिंग मैलवेयर और हैकर्स यूजर के डेटा को हैक कर सकते थे। उन्होंने वल्नेरिबिलिटी के बारे में सबसे पहले इस साल मई में (Google) को बताया था। टेक जायंट ने रोनी (Rony) की बात को गंभीरता से लिया और इस खामी को खोजने के लिए उन्हें 5000 डॉलर का इनाम दिया।एक साक्षात्कार के दौरान रोनी दास ने बताया कि कुछ दिक्कत का सामना करने पर वो एक सॉफ्टवेयर बना रहे थे। इस दिक्कत को दूर करने के दौरान उन्हें इस खामी का पता चला। इसकी जानकारी उन्होंने गूगल (Google) को मई में ही रिपोर्ट कर दिया था।

इसके बाद से वो और कंपनी लगातार जानकारी एक्सचेंज कर रही थी। लगभग 6 महीने के बाद गूगल (Google) ने इस बग के लिए उन्हें इनाम दिया था। उन्होंने आगे बताय कि वो अभी इस खामी के टेक्निकल पार्ट के बारे में नहीं बता सकते हैं, क्योंकि कंपनी ने अभी इसके लिए मना किया है। Rony Das के अनुसार इस खामी की वजह से एंड्रॉयड में बैकग्राउंड प्रोसेस को बिना डिटेक्शन के रन किया जा सकता था। सामान्य तोर पर यूजर को इस बारे में जानकारी नहीं होती। उन्होंने बताया कि आने वाले एंड्राइड (Android) वर्जन में इस बग को फिक्स कर लिया गया है।

बता दें कि वो अपनी एक कंपनी में सिक्योरिटी इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे हैं। वो अपने आप को एक सेल्फ लर्नर बताते हैं। उन्हें शुरुआत से ही ये फील्ड पसंद था। 2015 में वो जब क्लास 12 में थे तब ही उन्होंने गौहाटी यूनिवर्सिटी (Gauhati University) की वेबसाइट में सिक्योरिटी खामी को खोजा था।

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