नई दिल्ली । भारत (India) के एक प्रमुख राजनीतिक दल ने शनिवार को देश के लोगों से ‘गाजा के लिए मौन’ नाम के वैश्विक अभियान को समर्थन देने की मांग की और इसके लिए लोगों से हर रोज रात को 9 बजे से 9.30 बजे तक आधे घंटे के लिए अपना मोबाइल फोन बंद रखने का अनुरोध किया। यह मांग भारत के एक प्रमुख राजनीजिक दल CPI (M) यानी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की तरफ से की गई। इसका मकसद बताते हुए पार्टी ने कहा कि यह एक प्रतीकात्मक अभियान है, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीनी पर इज़राइल द्वारा किए जा रहे क्रूर, नरसंहारक हमले का विरोध करना और फिलिस्तीन के लोगों (Palestine people) के साथ एकजुटता दिखाना है।
इस बारे में जारी एक प्रेसनोट के जरिए वामपंथी पार्टी ने कहा, ‘CPI(M) देश भर के लोगों से इस डिजिटल विरोध में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह करती है। अपने-अपने मोबाइल फोन को बंद करें और विरोध अवधि के दौरान किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी पोस्ट को करने, लाइक करने या टिप्पणी करने से बचें।
इस बारे में जारी एक प्रेस नोट में पार्टी ने कहा, ‘गाजा के लिए मौन’ नाम के इस अभियान में शामिल होकर, CPI(M) फिलिस्तीनी लोगों पर इजराइल द्वारा किए गए क्रूर, नरसंहारक हमले के खिलाफ़ खड़ी है। लोगों से इस अभियान में शामिल होने की अपील करते हुए प्रेसनोट में कहा गया, ‘यह सामूहिक चुप्पी सहभागिता से इनकार का एक सशक्त संकेत है, तथा यह एक सशक्त आश्वासन है कि युद्ध अपराधों के खिलाफ आवाजों को दबाया नहीं जाएगा।’
सीपीआई(एम) ने हाल ही में जारी संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, ‘कब्जे की अर्थव्यवस्था से नरसंहार की अर्थव्यवस्था तक’ का हवाला देते हुए कहा कि इसमें विस्तार से बताया गया है कि किस तरह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियां गाजा पर इजरायल के हमले में शामिल हैं। पार्टी ने कहा कि इन कंपनियों की भयावह भूमिका को उजागर किया जाना चाहिए और उन्हें लोगों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
#CPIM Polit Bureau urges people to join the digital protest against #Israel #SilenceForGaza #GazaGenocide pic.twitter.com/EvzSfVqEOw
— CPI (M) (@cpimspeak) July 5, 2025
वामपंथी पार्टी ने कहा, ‘ये कॉर्पोरेशन हमारे डिजिटल पदचिह्नों का लाभ उठाते हैं, और इसके साथ ही वे नरसंहार को सक्षम भी बनाते हैं। हर दिन निर्धारित समय पर आधे घंटे के लिए अपने मोबाइल फोन को बंद करना डिजिटल व्यवधान का एक छोटा लेकिन शक्तिशाली कार्य है, यह इजरायल के नरसंहार और रंगभेद को धन कमाकर देने वाले पूंजीवाद के खिलाफ एक प्रहार होगा।’
बता दें कि गाजा में युद्ध तब शुरू हुआ जब फिलिस्तीनी आतंकी समूह हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला करते हुए लगभग 1,200 लोगों मार दिया और 250 लोगों बंधक बना लिया। इसके बाद इजरायल ने बेहद आक्रामक प्रतिक्रिया दी, और गाजा पर पलटवार कर दिया। इस हमले में अबतक 57,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, गाजा के लगभग 20 लाख लोग विस्थापित हो गए तथा अनेक लोग अकाल की कगार पर पहुंच गए हैं।
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