उज्जैन। वैश्विक महामारी के कारण इस बार जेल में बंद कैदी भाइयों को उनकी बहनें राखी नहीं बाँध पाएँगी। जेल प्रशासन ने निर्णय लिया है कि इस बार जेल परिसर में सिर्फ प्रतिकात्मक रूप से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। कैदियों से मिलने या उन्हें राखी बाँधने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी।
रक्षाबंधन का पर्व इस बार 3 अगस्त को आ रहा है। यह त्यौहार जानलेवा महामारी की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। हर साल राखी के पर्व पर केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में उत्साह के साथ मनाया जाता है। जेल प्रशासन स्वयं इस दिन जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनों से राखी बंधवाने की इजाजत देने से लेकर पूरी व्यवस्था करता है। साल में यह एक दिन ऐसा अवसर आता है जब जेल में बंद कैदी बगैर सलाखों और दीवार के अपनी बहनों से राखी बंधवाते हैं तथा परिवार के लोगों से मिल पाते हैं। जेल अधीक्षिका अलका सोनकर ने आज सुबह अग्रिबाण को चर्चा में बताया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए मुख्यालय से स्पष्ट आदेश हैं कि इस बार रक्षाबंधन पर्व जेल में नहीं मनाया जाएगा। गतवर्ष की तरह इस बार कैदियों को राखी बाँधने तथा उनसे मिलने की किसी भी बहन या रिश्तेदार को इजाजत नहीं रहेगी।
डाक से आई राखी भी नहीं लेगा जेल प्रशासन
श्रीमती सोनकर ने यह भी बताया कि महामारी के खतरे को देखते हुए राखी पर इस बार न केवल बहनों को जेल में राखी बाँधने की अनुमति नहीं रहेगी बल्कि डाक द्वारा आने वाली राखियों को भी जेल प्रशासन स्वीकार नहीं करेगा। इसके पीछे वजह यह है कि अगर बाहर से आई राखी जेल तक आते-आते बीच में महामारी के वायरस से संक्रमित हो गई तो जेल में यह बीमारी फैल सकती है, इस कारण राखी पर डाक तक जेल में स्वीकार नहीं की जाएगी। रही बात प्रतिकात्मक त्यौहार मनाने की तो जेल में बनी राखी या धागे बाँधकर यह रस्म निभाने पर विचार चल रहा है।