– दो बैंकों की कर्मचारी तो एक निजी कम्पनी में कार्यरत
इन्दौर। शहर में ठगी की घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में शहर में ठगी के मामले में तीन महिलाएं पकड़ी गई, इसमें से दो बैंक के कर्मचारी है। जबकि एक निजी कंपनी में कार्यरत है। इंदौर शहर में यूं तो रोजाना ही किसी न किसी थाने में धोखाधड़ी के मामले दर्ज होते रहते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के मामले चंद जमीन संबंधित होते हैं, लेकिन अब साइबर अपराधी तेजी से बढ़ रहा है। यही नहीं अब ठगी में महिलाओं की भूमिका भी बढ़ रही है। इसका एक ताजा उदाहरण है की पिछले एक पखवाड़े में इंदौर पुलिस ने ठगी के मामलों में 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया। पहला मामला साइबर सेल में सामने आया, कुछ दिन पूर्व सेल की टीम ने प्रियाशा विजयवर्गीय नामक महिला को एक लाख की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। महिला एक्सिस बैंक की कर्मचारी है और उसने एक फल का ठेला लगाने वाले को क्रेडिट कार्ड बंद करने के बहाने जाल में फंसाया और उसके खाते से 100000 रुपए अपने वॉलेट में ट्रांसफर कर ली। पुलिस ने ठेले वाले की शिकायत पर उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ ठगी और आईटी एक्ट दोनों धाराओं में केस दर्ज किया। दूसरा मामला कल फिर साइबर सेल ने पकड़ा है। इस मामले में पुलिस ने तृप्ति अग्रवाल नामक महिला को पकड़ा है। यह महिला आईसीआईसीआई बैंक की कर्मचारी है, महिला का अपने पति से तलाक हो चुका है और वह उसे भरण पोषण के लिए 10000 रुपए हर महीने देता है। उसकी आय का पता करने के लिए महिला ने अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट बहन के साथ मिलकर उसकी आयकर आईडी रीसेट करने की कोशिश की। पति की शिकायत पर पुलिस ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर उसे पकड़ लिया। तीसरा मामला इंदौर की क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पूर्व पकड़ा है। इसमें पुलिस ने पल्लवी नामक महिला को गिरफ्तार किया, यह महिला टेक महिंद्रा कंपनी की कर्मचारी है। इस महिला ने सरकार की वन नेशन 1 कार्ड योजना की कार्ड बनाने का ठेका देने के नाम पर एक महिला से 700000 रु. में सौदा किया और 50000 रु. ले लिए थे, लेकिन महिला को शक हुआ और उसने क्राइम ब्रांच में मामले की शिकायत कर दी। क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर उसे बाकी के पैसे लेने बुलाया और धर दबोचा। यह महिला कुछ और जिलों में भी इसी तरह की ठगी कर चुकी है। हाल ही में हुई यह तीनों घटनाएं बताती है कि अब महिलाएं भी ठगी करने में पीछे नहीं हैं। चाहे वह आम ठगी हो या फिर साईं साइबर फ्रॉड हो।