भोपाल। आकाश में आज सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ गये। इससे भारत के अधिकांश स्थानों पर सूर्य गोलाकार (sun circular) न दिखता हुआ 60 से 70 प्रतिशत भाग ही दिखा। सूर्यास्त के पहले हुई आंशिक सूर्यग्रहण (partial solar eclipse) की इस खगोलीय घटना को आमलोगों को सुरक्षितरूप से दिखाने भारत सरकार का नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बीएलईएल (BHEL) मैदान मे अवलोकन शिविर का आयोजन किया।
इस शिविर में वैज्ञानिक रूप से परीक्षित सोलर व्यूअर, सोलर फिल्टर की मदद से बच्चों एवं आमलोगों ने सूर्य के सामने चांद के आ जाने को देखा। सारिका ने बताया कि जिस स्थान पर ग्रहण होता दिख रहा है उस काल्पनिक बिंदु को ही राहु नाम दिया गया है। पृथ्वी से देखने पर जिस मार्ग से सूर्य पूर्व से पश्चिम जाता दिखता है और जिस मार्ग से चंद्रमा पूर्व से पश्चिम जाता दिखता है वो दोनो मार्ग कोण पर झुके हैं। वो दो स्थानो पर कटते हैं। इनमें से एक कटन बिदु राहु और दूसरे को केतु नाम दिया गया है। जब इस ही बिंदु पर सूर्य और चंद्रमा दोनो आ जाते हैं तो पृथ्वी के किसी भू भाग से सूर्यग्रहण दिखता है।
सारिका ने बताया कि भोपाल में शाम 4 बजकर 42 मिनिट पर जब सूर्य का एल्टयूड 13.5 डिग्री था तब ग्रहण दिखना आरंभ हुआ। शाम 5 बजकर 38 मिनिट पर सूर्य का एल्टीट्यूड 1.4 डिग्री था तब अधिकतम ग्रहण की स्थिति थी। इसके बाद ग्रहण की ही स्थिति में 5 बजकर 47 मिनिट पर सूर्य अस्त हो गया । इसके साथ ही ग्रहण दिखना समाप्त हो गया। कुल 1 घंटे 5 मिनिट ग्रहण दिखा।
वैज्ञानिक चेतना बढ़ाने के उद्देष्य से आयोजित षिविर में टीआई गोविन्दपुरा लोकेन्द्र सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुये। शिविर में युवा कम्यूनिकेटर आशी चौहान तथा नरेद्र कुमार ने वैज्ञानिक जानकारी दी। शिविर में अनेक बच्चे अपने पालकों के साथ उपस्थित हुये।
Share: