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TRAI: स्पैम कॉल के खिलाफ बड़ी मुहिम शुरू करने की तैयारी, ली जाएगी AI की मदद

नई दिल्ली (New Delhi)। अब मोबाइल फोन (Mobile phone) पर स्पैम कॉल्स को रोकने (Stop spam calls) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence .- AI) की मदद ली जाएगी। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) स्पैम कॉल के खिलाफ बड़ी मुहिम शुरू करने की तैयारी में है। ट्राई के निर्देश के बाद वोडाफोन ने सैंडबॉक्स नाम से पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इसे जल्द ही पूरे देश में चालू करने की तैयारी चल रही है।


स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाला हर दूसरा यूजर अनजान नंबर और स्पैम कॉलर्स से परेशान रहता है। कई बार ड्राइविंग व जरूरी मीटिंग में फोन बजने लगता है और कॉल अटेंड करने पर पता चलता है कि कॉलर स्पैम है। अब इस तरह के अनचाहे कॉल स्वतः ब्लॉक हो जाएंगे।

ट्राई ने डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) का एक विकल्प दिया था, लेकिन ये सर्विस चालू करने के बावजूद स्पैम कॉल पर रोक नहीं लग सकी है। एआई के जरिये स्पैम कॉल्स रोकने को लेकर अधिकारिक आदेश भी जारी किया जा सकता है।

इस तरह से लगेगी रोक
ट्राई ने स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए एआई फिल्टर की मदद ली है। इसकी मदद से नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां ऐसी कॉल्स को नेटवर्क पर ही ब्लॉक कर देंगी, जिससे स्पैम कॉल्स यूजर के फोन पर नहीं आएंगी। इसके लिए सभी कंपनियां एक कॉमन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती हैं। कंपनियां इस प्लेटफॉर्म पर उन नंबरों को दर्ज कराएंगी जो इस तरह के कॉल करते हैं। नई तकनीक में 10 अंकों के फोन नंबरों के प्रमोशनल कॉल पर भी बैन लग जाएगा।

90% तक कमी की संभावना
ट्राई के शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट का ट्रायल रन तो सफल रहा है, बावजूद इसके शुरुआती दिनों में स्पैम कॉल्स की शिकायत मिल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तकनीक से स्पैम कॉल्स में लगभग 90% तक की कमी आने की संभावना है।

इन लोगों को आती हैं ज्यादा कॉल्स
कुछ लोग क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, कार या फिर किसी अन्य तरह की जानकारी के लिए अपनी वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं, लेकिन वह लॉगआउट नहीं करते हैं। ऐसे लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आते हैं। एआई उन लोगों के फोन से स्पैम कॉल्स को ब्लॉक कर देगा, जिन्होंने पहले कभी वेबसाइट के माध्यम से ऐसी जानकारी नहीं ली है।

जरूरी सेवाओं के लिए जारी होंगे नई सीरीज के नंबर
जरूरी सेवाओं जैसे कि बैंक, आधार और अन्य सरकारी या प्राइवेट विभागों के फोन लोगों तक पहुंचेंगे, क्योंकि इन सेवाओं के लिए नई सीरीज के नंबर जारी किए जाएंगे। मतलब यह है कि एक खास सीरीज के नंबरों से कॉल आने पर यूजर भी समझ जाएंगे कि फोन उनके लिए जरूरी है या नहीं। लंबे समय से यूजर्स सरकार से इस तरह के नियम की मांग कर रहे हैं।

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