789 ब्लैक फंगस के मरीजों में से 63 की मौत
694 मरीज ठीक हो कर घर पहुंचे
इंदौर। एमवाय अस्पताल (MY Hospital) प्रशासन के अनुसार ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीजों का आंकड़ा 789 तक पहुंच चुका है। इनमें से 32 मरीजों का इलाज अभी भी जारी है। वहीं इलाज के दौरान 63 मरीजों (patients) की मौत (death) हो चुकी है।
ब्लैक फंगस (Black fungus) के मरीजों में से 694 ठीक होकर घर जा चुके हैं। ब्लैक फंगस (Black fungus) से जान बचाने के लिए 789 मरीजों के 961 बार ऑपरेशन किए गए। इनमें से कुछ मरीजों के 1 बार से ज्यादा ऑपरेशन (operation) करना पड़े, वहीं इतने ही मरीजों की 1642 इंडोस्कोपी जांच की गई।
15 दिन से लेकर 3 माह तक इलाज
ब्लैक फंगस (Black fungus) का इलाज आम व मध्यमवर्गीय ही नहीं, बल्कि अमीरों के लिए भी बहुत मुश्किल है। इस बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवा, इंजेक्शन आसानी से नहीं मिलते। इसका इलाज बीमारी की स्थिति के हिसाब से 14 दिन से लगाकर 3 माह तक भी चलता है। यही वजह है कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए हर वर्ग का मरीज सरकारी अस्पताल (government hospital) के भरोसे है। इस बीमारी में लगाए जाने वाले इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों में हमेशा उपलब्ध रहते हैं। डाक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस (Black fungus) पीडि़त मरीज में बीमारी किस स्टेज पर है, यानी इन्फेक्शन की स्थिति क्या है, उस हिसाब से इलाज किया जाता है। इलाज के दौरान कई बार ऑपरेशन की जरूरत होती है।
बहुत महंगा इलाज
एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन ( amphotericin injection) ब्लैक फंगस (Black fungus) के इलाज में बहुत ज्यादा कारगर है। ये इंजेक्शन मरीज को रोज लगाने पड़ते हैं। 2 सप्ताह से लेकर मरीज के ठीक होने तक इस इंजेक्शन के डोज देना पड़ते हैं। वैसे तो इस इंजेक्शन की बाजार में कीमत लगभग 7 से 8 हजार रुपए बताई जाती है, मगर कई बार देखने में आया है कि कई मेडिकल स्टोर व निजी अस्पतालों में इसकी जरूरत के हिसाब से मनमानी कीमतें वसूली जाती हैं। एमवाय प्रशासन (my administration) के अनुसार ब्लैक फंगस (Black fungus) का इलाज बहुत ही महंगा होता है। सामान्य या प्रारंभिक स्थिति में मरीज को एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन से ठीक किया जा सकता है, मगर सेकंड या थर्ड स्टेज पर आने के बाद कई महंगी जांचें व ऑपरेशन करना पड़ते हैं। कई मरीजों की तो जांचें व ऑपरेशन एक से ज्यादा बार करना पड़ जाते हैं। एक सामान्य मरीज पर दो-ढाई लाख से लगाकर गंभीर मरीजों पर 10 -15 लाख से ज्यादा का खर्च आता है। एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में भर्ती मरीजों का सारा खर्च सरकार ही उठाती है।
कई वेरिएंट होते है ब्लेक फंग्स के
ब्लैक फंगस (Black fungus) के एक से ज्यादा वेरिएंट होते हैं, जिनमे व्हाइट, यलो ग्रीन फंगस शामिल हैं। इंदौर शहर में ग्रीन फंगस का मामला सामने आ चुका है। मरीज के 90 फीसदी फेफड़े (lung) संक्रमित हो गए थे और उसे एयरलिफ्ट करके इलाज के लिए मुंबई ले जाना पड़ा था। यह शहर में ग्रीन फंगस का देश का पहला मरीज था। विशेषज्ञ डाक्टरों के अनुसार ग्रीन फंगस ब्लैक, व्हाइट फंगस की तुलना में कहीं ज्यादा खतरनाक है।
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