भोपाल। राज्य के सभी जिला अस्पतालों में मरीजों का इलाज आयुर्वेद पद्धति से भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसी साल मई में उज्जैन में यह घोषणा की थी। अब इस पर अमल शुरू हो गया है। सभी जिला अस्पतालों में इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है, जहां आयुर्वेद इकाई बनाई जा सकें। बता दें कि अभी 36 जिला अस्पतालों में आयुष विंग हैं, जिनमें 31 में आयुर्वेद और बाकी में होम्योपैथी और यूनानी पद्धति से इलाज किया जा रहा है।
जिला अस्पतालों में भवन निर्माण के लिए जगह उपलब्ध कराने के संबंध में स्वास्थ्य आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने भी सभी सीएमएचओ व जिला अस्पताल अधीक्षकों को पत्र लिखा है। आयुर्वेद इकाई का निर्माण राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत किया जाएगा। जिला अस्पतालों में जगह उपलब्ध होने पर डेढ़ साल के भीतर भवन तैयार हो जाएंगे, जहां पहले से भवन उपलब्ध हैं, वहां फिलहाल उन्हीं में सुविधा शुरू कर दी जाएगी।
उपचार की यह सुविधाएं मिलेंगी
आयुर्वेद इकाई में सिर्फ ओपीडी की सुविधा मिलेगी। बड़े जिलों में दो और छोटे जिलों में एक चिकित्सक को ओपीडी में पदस्थ किया जाएगा। अत्यावश्यक दवाओं की सूची में शामिल दवाएं भी मिलेंगी। अच्छी बात यह है कि सभी आयुर्वेद विंग में पंचकर्म की सुविधा उपलब्ध होगी। अभी आयुर्वेद कालेज या फिर जिला आयुर्वेद अस्पताल में ही यह पंचकर्म होता है। बता दें कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परिषद (एनएमसी) एकीकृत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दे रहा है। इसी कड़ी में एक छत के नीचे सभी पैथी में इलाज करने की पहल की जा रही है। मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में भी आयुष विंग बनाने की तैयारी है। Share: