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रांची सहित झारखंड के कई इलाकों में सड़कों पर उतर आए आदिवासी यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ


रांची । यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध में (Against the Uniform Civil Code) सोमवार को रांची सहित झारखंड के कई इलाकों में (In Many Areas of Jharkhand including Ranchi) आदिवासी (Tribals) सड़कों पर उतर आए (Took to the Streets)। रांची के एक प्रमुख चौराहे करमटोली चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया गया। इसके कारण शहर के बड़े इलाके में लगभग दो घंटे तक आवागमन अस्त-व्यस्त रहा। रामगढ़ में भी सैकड़ों लोगों ने रांची-पटना रोड को घंटों जाम किए रखा।


इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने भारत बंद का आह्वान किया था। रांची में सैकड़ों आदिवासी स्त्री-पुरुष बारिश के बावजूद सड़क पर उतरे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन, प्रदर्शनकारियों के आगे उनकी एक न चली। इस वजह से कई सड़कों पर जाम लग गया। करमटोली पर लगभग दो घंटे तक जाम करने के बाद लोगों ने राजभवन तक मार्च किया। प्रदर्शन कर रहे लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

बता दें यूसीसी के विरोध में राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद ने चार चरणों में विरोध-प्रदर्शन किया। पहले चरण में 8 जुलाई को जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया गया था। दूसरे चरण में 18 जुलाई को प्रखंड स्तर पर धरना प्रदर्शन और तीसरे चरण में 27 जुलाई को जिला स्तर पर रैलियों का आयोजन किया। चौथे चरण में सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया गया था।

 

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ तो आदिवासियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। आदिवासियों को संविधान में विशेष दर्जा मिला हुआ है। आदिवासियों की शादी हिन्दू मैरिज एक्ट के तहत नहीं होती है। इनके संबंध-विच्छेद में भी अलग तरीका अपनाया जाता है। आदिवासियों में सामाजिक तौर पर इसका निपटारा होता है।

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