वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप (Amar Upadhyay) के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती महीनों में अमेरिकी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी (President John F. Kennedy) की हत्या से जुड़े करीब 80,000 पन्नों के दस्तावेज सार्वजनिक किए थे। इस मामले में खुफिया एजेंसियों की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की हत्या से जुड़े दस्तावेजों को पब्लिकली करने से पहले उन्होंने AI की मदद ली थी। गबार्ड ने एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने एआई से पूछा था कि कौन-कौन से दस्तावेज गोपनीय हैं और किन्हें सार्वजनिक किया जा सकता है?
तुलसी गबार्ड अमेज़न वेब सर्विसेज़ के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थी। उन्होंने बताया कि ट्रंप के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक ने जॉन एफ कैनेडी की फाइलों को एक AI प्रोग्राम में फीड किया ताकि यह तय किया जा सके कि क्या कोई जानकारी अब भी गोपनीय रखनी चाहिए।
पूर्व डेमोक्रेट और अब ट्रंप समर्थक गैबार्ड ने कहा कि उन्होंने खुफिया समुदाय में प्राइवेट सेक्टर की तकनीक के अधिक इस्तेमाल की वकालत की है। उनका कहना है कि “खुफिया विश्लेषकों को वही काम करने देना चाहिए जो केवल वे ही कर सकते हैं—बाकी काम AI करे।”
ट्रंप ने इन दस्तावेजों के प्रकाशन के समय कहा था कि वे किसी भी हिस्से को “सेंसर या रिडैक्ट” नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा, “मैंने प्रचार के दौरान कहा था कि मैं ये फाइलें सार्वजनिक करूंगा और मैं अपने वादे पर कायम हूं।” हालांकि, सार्वजनिक की गई कई फाइलें हस्तलिखित, बेतरतीब और एजेंसी के नाम या फाइल नंबर के बिना थीं, जिससे उन्हें समझना मुश्किल रहा।
AI पर भरोसा जताते हुए गबार्ड ने बताया कि खुफिया एजेंसियों में एक “इंटेलिजेंस कम्युनिटी चैटबॉट” भी तैनात किया गया है और टॉप सीक्रेट क्लाउड्स में AI एप्लिकेशन की एंट्री को उन्होंने “गेम चेंजर” बताया।
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