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महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पर भड़के उद्धव ठाकरे, बोले- यह फैसला लोकतंत्र की हत्या है, सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिकेगा

मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र (Maharashtra) में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बुधवार को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर (Assembly Speaker Rahul Narvekar) ने शिंदे गुट के सदस्यों को अयोग्य करार दिए जाने वाली मांग को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फैसले पर नाखुशी जताई है। उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का यह फैसला कि 2022 में गुटों के उभरने पर एकनाथ शिंदे की सेना ही असली शिवसेना थी, यह लोकतंत्र की हत्या है। बीजेपी की मदद से एकनाथ शिंदे के विद्रोह का सामना करते हुए 2022 में इस्तीफा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान है।”


उद्धव ठाकरे ने कहा, ”अगर एकनाथ शिंदे असली शिवसेना हैं तो उन्होंने अपने गुट को अयोग्य क्यों नहीं ठहराया। मुझे लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष ने जनादेश को नहीं समझा – उन्हें क्या करने के लिए कहा गया था। यह अयोग्यता का एक साधारण मामला था। सुप्रीम कोर्ट ने एक रूपरेखा तैयार की, लेकिन स्पीकर ने सोचा कि वह सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं और अपनी बात लेकर आए। शायद उन्हें समझ नहीं आया या ऊपर से आदेश था।”

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि उद्धव ठाकरे को एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं था, क्योंकि पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सर्वोच्च निकाय थी, न कि पक्ष प्रमुख, जो कि उद्धव थे। इस फैसले पर उद्धव ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि यह एक फिक्स्ड मैच था। फैसला लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं टिकेगा। लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या ट्रिब्यूनल सुप्रीम कोर्ट से ऊपर है या सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है। मैं अक्सर इस बात को लेकर चिंता व्यक्त करता हूं कि क्या भारत में लोकतंत्र रहेगा, लेकिन आज मुझे आश्चर्य है कि क्या देश में सुप्रीम कोर्ट होगा।

सुप्रीम कोर्ट में उद्धव को मिलेगा न्याय : पवार
वहीं, भतीजे अजित पवार द्वारा पार्टी में इसी तरह की बगावत का सामना कर रहे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के खिलाफ है। पवार ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय ने अपने फैसले में पार्टी संगठन को महत्व दिया क्योंकि वे ही उम्मीदवारों का चयन करते हैं। इसके विपरीत, अध्यक्ष ने विधायक दल के बहुमत को अधिक महत्वपूर्ण माना। पवार ने कहा, “फैसले में इस्तेमाल किए गए शब्दों के कारण, मुझे यकीन है कि उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलेगा।”

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