नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फैसला लिया है कि अब यूजी (UG) और पीजी (PG) की छात्राओं को भी मैटरनिटी लीव मिलेगी। यूजीसी (UGC) ने इसके लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर दी हैं। यूजीसी (UGC) के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है कि अगर यूजी (UG) और पीजी (PG) में कोई छात्रा प्रेग्नेंट है तो उसे अटेंडेंस, एग्जाम एप्लिकेशन फॉर्म और बाकी सभी चीजों में छूट दी जाएगी।
गौरतलभ है कि भारत मे शादी की उम्र पुरुषों के लिए 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल है। ऐसे में अब तक यूजीसी (UGC) पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नियमन 2016 के मुताबिक, केवल एमफिल (MPhil) और पीएचडी (PHd) की छात्राओं को ही मातृत्व अवकाश यानी मैटनरिटी लीव ;लेने की अनुमति देता था। मैटनरिटी लीव ली अवधि 240 दिन की होती है।
इस पत्र में इस बात को इस स्पष्ट किया गया है कि जैसे पहले एमफिल और पीएचडी की छात्राओं को मेटरनिटी लीव मिलती थी, उसी तर्ज पर यूजी और पीजी की छात्राओं को अवकाश दिया जाएगा। हालांकि, नोटिस में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि अवकाश की अवधि कितने दिनों की रहेगी। इसके लिए यूजीसी (UGC) ने अवकाश के दिन तय करने का फैसला विश्वविद्यालय पर छोड़ दिया है।
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