उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

Ujjain की 30 फीसदी आबादी को अभी भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं

  • टीडीएस की अधिक मात्रा कर रही बीमार-पीएचई की 42 पानी की टंकिया हो जाने
    के बावजूद नई कॉलोनियों में लोग आरओ के पानी की केन खरीद कर पी रहे

उज्जैन। पिछले डेढ़ दशक में उज्जैन में तेजी से नई कॉलोनियों का विस्तार हुआ है। यही कारण है कि अब शहर की लगभग 30 फीसदी से ज्यादा आबादी को पीएचई का पानी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में नई कॉलोनियों के क्षेत्रों में लोग बोरिंग के पानी पर निर्भर है। इनमें टीडीएस की मात्रा कई गुना अधिक होने से लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। पीएचई की अब 42 पानी की टंकियां हो चुकी है। इसके बाद भी समस्या बनी हुई है।



धार्मिक नगरी उज्जैन में रहवासी क्षेत्रों का विस्तार पिछल 15 सालों से तेजी से हो रहा है। इसके पहले देवास रोड पर नागझिरी और उसके बाद अभिलाषा कॉलोनी तक आबादी रहने लगी थी। इंदौर रोड पर भी नानाखेड़ा क्षेत्र में जवाहर नगर के आसपास तक कॉलोनियां बनी हुई थी। आगर रोड पर भी नाका नं. 5 खिलचीपुर तक रहवासी क्षेत्र था। बडऩगर रोड पर तो मुल्लापुरा रेलवे क्र ासिंग तक ही लोग बसे हुए थे। इसी तरह उन्हेल नागदा रोड पर भैरवगढ़ जेल के आगे भैरवगढ़ थाने तक लोगों के मकान थे। लेकिन अब इन सभी क्षेत्रों में पिछले डेढ़ दशक में नई कॉलोनियां बनती जा रही है। स्थिति यह है कि 2018 तक ही उज्जैन में अवैध कॉलोनियों की संख्या 175 तक पहुंच गई थी। पिछली जनगणना में उज्जैन की आबादी 5 लाख 18 हजार के लगभग थी, लेकिन अब यह साढ़े 6 से 7 लाख के करीब पहुंच गई है। अनुमान है कि नई कॉलोनियों में करीब 30 फीसदी लोग बस गए है। इन क्षेत्रों में लंबे समय से पीएचई जलप्रदाय की व्यवस्था नहीं कर पाया है। यहीं कारण है कि 100 से ज्यादा कॉलोनियों में लोगों को बोरिंग का पानी पीना पड़ रहा है। इसमें टीडीएस अर्थात (टोटल डिसोल्व्ड सॉलिड ) की मात्रा कई गुना अधिक है। इससे लोगों में गंभीर बीमारियां हो रही है। हालांकि पीएचई अभी तक नई पानी की टंकियों समेत 42 पानी की टंकिया बना चुकी है। फिर भी नए क्षेत्रों में पीएचई की लाइन नहीं पहुंची है।

टीडीएस 150 बेहतर, बोरिंग के पानी में लेवल 1000 तक
शहर के आगर रोड, मक्सी रोड और इंदौर रोड क्षेत्र में नई विकसित कॉलानियों में बोरिंग के पानी में टीडीएस की मात्रा 1 हजार तक है। जबकि पीने योग्य बेहतर पानी में टीडीएस की मात्रा 100 से 150 तक होना चाहिए। जबकि 150 से 250 तक टीडीएस की मात्रा को पीने के पानी में लगभग अच्छा माना जाता है। वही 300 से 500 तक टीडीएस की मात्रा को हानिकारक माना जाता है। वही 500 से लेकर 1000 तक टीडीएस मात्रा वाला पानी पीने लायक श्रेणी में नहीं आता और यह पीने में उपयोग करने पर गंभीर बीमारियां पैदा करता है। इसके पीछे कारण यह है कि 500 से ऊपर टीडीएस मात्रा वाले पानी में जरुरी मिनरल्स के साथ साथ कैल्शियम, मैग्रिशियम, पोटेशियम, आयरन से लेकर सिलिकन धातु अधिक मात्रा में मिली होती है, जो हृदय रोग, किडनी रोग से लेकर पाचन तंत्र को भारी नुकसान पहुंचाती है। ऐसे पानी से लोगों के बाल झडऩे की समस्या से लेकर त्वचा संबंधी रोग भी तेजी से पनपते है।

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