उज्‍जैन न्यूज़ (Ujjain News)

उज्जैन के प्रायवेट अस्पतालों में लगी है 128 स्क्रीन लेने वाली सीटी स्केन, सरकारी अस्पताल में लगवाई 32 वाली

उज्जैन। जिला चिकित्सालय के चरक भवन में जो नइ्र सीटी स्केन मशीन आई है उसकी कीमत 80 लाख बताई जा रही है और जिस कंपनी ने लगाई है वह डेढ़ करोड़ बता रही है। इसे लेकर कई तरह की चर्चा है। उक्त मशीन की कार्यक्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं क्योंकि प्रायवेट अस्पताल में जो मशीन लगी है वह अधिक परिणाम देती है। सिविल अस्पताल में थीटा कंपनी द्वारा सीटी स्कैन की मशीन लगाई गई जिस का अनावरण उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा किया गया है। सीटी स्कैन मशीन लगाने वाली कंपनी के इंचार्ज ऑफिसर मनीष शर्मा ने बताया कि सीटी स्कैन मशीन सवा करोड़ के लगभग कीमत की है वहीं कुछ कर्मचारियों का कहना है कि मशीन की कीमत 2 करोड़ है जबकि कुछ का कहना है कि मशीन 80 लाख की है। इसमें सही कीमत क्या है यह एक जांच का विषय है क्योंकि मशीन 80 लाख से 2 करोड़ कीमत की बताई जा रही है। ऐसे में मशीन की सही कीमत क्या है यह एक जांच का विषय है।


गौरतलब है कि पूर्व तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. सीडी शर्मा ने माधवनगर अस्पताल में बने ट्रामा सेंटर को शुरू करने के प्रयास किए थे, इसके लिए मंदसौर के अस्पताल में रखी सीटी स्कैन मशीन को उज्जैन लाकर यहां माधवनगर अस्पताल में रखवाई थी, लेकिन डॉक्टर एवं टेक्निशियन नहीं होने के चलते मशीन माधवनगर अस्पताल में धूल खा रही है। सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों की उदासीनता के चलते हैं। करोड़ों की सीटी स्कैन मशीन कई वर्षों से धूल खा रही है और अब प्राइवेट कंपनी द्वारा जिसके अलग-अलग रेट बताएं जा रहा है। सरकारी अस्पताल में लग चुकी है जिसके चलते निजी कंपनी द्वारा लोगों का सीटी स्कैन पैसे लेकर किया जाएगा। बहरहाल निजी कंपनी मोटा कमीशन लेकर लोगों से मोटी रकम सिटी स्कैन करने के वसूल करेगा लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि 4 साल से उज्जैन के माधव नगर अस्पताल में धूल खा रही सीटी स्कैन मशीन को भंगार करने वाले जिम्मेदार अधिकारी एवं डॉक्टर कौन है, जो सिर्फ टेक्नीशियन ना होने की वजह से करोड़ों की मशीन को भंगार के हवाले कर दिया गया, यह एक जांच का विषय है।

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