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देश के सबसे बड़े बंदरगाह पर रूसी हमलों के बावजूद अनाज निर्यात करेगा यूक्रेन, तुर्की ने कही ये बात


कीव। रूस की ओर से जारी मिसाइल हमलों के बावजूद यूक्रेन के सबसे बड़े ओडेसा बंदरगाह के जरिए अनाज निर्यात की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही यूक्रेन की ओर से चेतावनी भी दी गई है कि अगर इस बंदरगाह पर हमले जारी रहे आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने दावा किया कि जल्द ही काला सागर से अनाज का निर्यात शुरू हो जाएगा।

अनाज निर्यात पर हुआ था दोनों देशों का समझौता
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को ओडेसा बंदरगाह पर हुए हमले को बर्बरता करार दिया और कहा कि रूस पर समझौते के क्रियान्वयन का भरोसा नहीं किया जा सकता। इससे पहले शुक्रवार को वैश्विक खाद्यान्न संकट को देखते हुए दोनों देशों के बीच काला सागर के जरिए अनाज के निर्यात पर समझौता हुआ था। यह समझौता तुर्की और संयुक्त राष्ट्र की पहल पर हुआ था।

सार्वजनिक प्रसारक सस्पिलने ने यूक्रेनी सेना के हवाले से बताया कि रूसी हमले में अनाज भंडार को नुकसान नहीं पहुंचा है। बुनियादी ढांचा मंत्री अलेक्जेंडर कुब्राकोव ने कहा कि हमारे बंदरगाहों से कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए तकनीकी तैयारी जारी है। यूक्रेन अगले नौ महीनों में छह करोड़ टन अनाज का निर्यात कर सकता है लेकिन अगर बंदरगाह ठीक से काम नहीं कर पाए तो इसमें दो साल लग सकते हैं।


अनाज निर्यात की बहाली का हरसंभव प्रयास करेंगे : तुर्की
वहीं तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश कूटनीतिक माध्यम से रूस व यूक्रेन के मसलों को दूर करते हुए अनाज निर्यात की बहाली का हरसंभव प्रयास करेगा। संयुक्त राष्ट्र के व्यापार कार्यालय ने कहा कि वह यूरोपीय संघ, अमेरिका व रूस के साथ अनाज निर्यात की बाधाओं को दूर करने पर चर्चा करता रहेगा।

ओडेसा बंदरगाह पर हमले से रूस का इनकार
वहीं दूसरी ओर रूस ने ओडेसा बंदरगाह पर हमले की बात से इनकार किया और कहा कि उसने गत दिवस सैन्य ढांचे और युद्धपोत पर मिसाइलें दागी थीं। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने एक संदेश में कहा कि कैलिबर मिसाइलों ने यूक्रेन के सैन्य ढांचे को नष्ट किया है।

यूक्रेन ने उगाया गेहूं, काट रहा रूस
रूस ने फरवरी में हमला कर यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया था। अब इन इलाकों के संसाधनों पर वह खुला डाका डाल रहा है। झेपोरिजिया इलाके में गेहूं की फसल तो यूक्रेन के मेहनतकश किसानों ने उगाई है, लेकिन अपनी सेना के दम पर इन दिनों इसे काट रूस रहा है।

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