नई दिल्ली (New Delhi)। विज्ञान के ज्यादातर महकमों (most departments of science) के बजट में बढ़ोतरी (budget Increase) हुई है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण महकमे इसरो (ISRO) के बजट में कटौती (budget cuts) हुई है। मानव मिशन जैसे महत्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रमों (important space programs) पर कार्य कर रहे इसरो के बजट में यह कटौती चौंकाने वाली है। हालांकि, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग, जैव प्रौद्यौगिकी, पृथ्वी विज्ञान और परमाणु ऊर्जा विभागों के बजट में बढ़ोतरी हुई है।
वैज्ञानिक शोध के लिए आवंटन बजट में विज्ञान के इन महकमों के अलावा भी शिक्षा, संचार तथा स्वास्थ्य अनुसंधान में वैज्ञानिक शोध के लिए आवंटन हुए हैं। आईसीएमआर की प्रयोगशालाओं में निजी मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं को भी मौके देने का ऐलान हुआ है। बजट में इसरो के लिए 12543 करोड़ का आवंटन किया गया है, जबकि चालू वित्त वर्ष के दौरान यह 13700 करोड़ रुपये था। यह बढ़ने की बजाय घट गया।
कोविड महामारी में जिस प्रकार से हमारे वैज्ञानिकों ने अपने कार्य का प्रदर्शन किया, उसके मद्देनजर माना जा रहा था कि वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़े महकमों के बजट में अच्छी बढ़ोतरी होगी, लेकिन ऐसा नहीं दिखा है, बल्कि इसरो जैसे महत्वपूर्ण महकमे का बजट घटा है। – पल्लव बाघला, विज्ञान विशेषज्ञ
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