नई दिल्ली। गया के महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) में हुए विस्फोट और बमों की बरामदगी (recovery) मामले में पटना की विशेष नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (investigation agency) (NIA) अदालत ने 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है। 5 दोषियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा (Special Judge Gurvinder Singh Malhotra) की अदालत ने आज सभी के लिए सजा का ऐलान किया है। अदालत ने 10 दिसंबर को सभी को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया था। सभी फिलहाल पटना के बेऊर जेल में बंद हैं। 19 जनवरी 2018 को धमाका हुआ था।10 दिसंबर को सभी आठ दोषियों ने स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल कर लिया था। इन सभी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया है। मामले में नवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना जुर्म नहीं कबूला है। उसके खिलाफ सुनवाई जारी रहेगी।
मामला मंदिर परिसर (case temple complex) और उसके आसपास तीन IED लगाने से संबंधित है। दोषियों ने दलाई लामा और बिहार के राज्यपाल की यात्रा के दौरान मंदिर परिसर में IED लगाकर साजिश रची थी। घटना 19 जनवरी 2018 की है, जब महाबोधि मंदिर में बौद्ध धर्मावलंबियों की निगमा पूजा का आयोजन था। इसमें दलाई लामा भी शामिल हुए थे। कालचक्र मैदान के गेट नंबर पांच पर पाया गया पहला IED निष्क्रिय किए जाने दौरान फट गया था। श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों से दो और IED बरामद किए गए थे। NIA ने जांच के दौरान अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के बाद 9 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
इन्हें मिली आजीवन कारावास की सजा
1. पैगंबर शेख
2. अहमद अली
3. नूर आलम
इन पांच को 10-10 साल की सजा
1. आरिफ हुसैन
2. मुस्तफिज रहमान
3. अब्दुल करीम
4. दिलावर हुसैन
5. आदिल शेख
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