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कोरोना वैक्सीन में गाय के खून का इस्तेमाल स्वीकार नहीं, हो जांच: स्वामी चक्रपाणि


नई दिल्‍ली । कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही दुनिया आशा भरी नजरों से वैक्सीन की ओर से देख रही है. वहीं, वैक्सीन में किस चीज का इस्तेमाल हुआ है? इसे लेकर भी देश में चर्चा जोरों पर है. वैक्सीन में सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किए जाने के शक से शुरू विवाद अभी थमा भी नहीं है कि अब गाय के खून के इस्तेमाल को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसे लेकर अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है.

स्वामी चक्रपाणि ने राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में यह मांग की है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन या दवा भारत में लाने से पहले सरकार या अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसमें जिन चीजों का इस्तेमाल किया गया है, वह देश को स्पष्ट करें. यह स्पष्ट किया जाए कि वैक्सीन में गाय के खून या ऐसे किसी भी पदार्थ का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिससे हिंदू सनातन धर्म की भावना को आहत करता है. राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में स्वामी चक्रपाणि ने स्वतंत्रता आंदोलन के शंखनाद की पृष्ठभूमि की भी चर्चा की है.

स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान धर्म भ्रष्ट करने के लिए कारतूस में गाय की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था, जिसके खिलाफ महर्षि भृगु की तपोभूमि बलिया के मंगल पाण्डेय ने विद्रोह का बिगुल फूंका था. देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ने धर्म और राष्ट्र के लिए अपने आपको न्योछावर कर दिया, लेकिन समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा है कि मेरा भी जन्मस्थान बलिया ही है.

स्वामी चक्रपाणी ने कोरोना वैक्सीन और दवा के नाम पर गाय का खून, मांस या चर्बी खिलाकर धर्म नष्ट करने के लिए अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि इसकी जांच जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि ऐसा होगा तो इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे. जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है. धर्म की रक्षा हमें प्राणों से भी प्रिय है. यह संविधान की धारा 25 का भी उल्लंघन है.

स्वामी चक्रपाणि ने कहा है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वैक्सीन के निर्माण में क्या-क्या उपयोग किया गया है. उन्होंने धार्मिक भावना की रक्षा के लिए अपनी शंका का जल्द समाधान कराने की मांग की है. अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने लॉकडाउन के दौरान मठ-मंदिर बंद रखे जाने और मांस-मदिरा की दुकानें खोलने की इजाजत दे दिए जाने को लेकर भी नाराजगी जताई है.

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