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उत्तरकाशी: ह्यूम पाइप से टल सकता था टनल हादसा, पाइप बिछे होते तो अब तक बाहर आ जाते मजदूर

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे (Uttarkashi Silkyara Tunnel Accident) में 7 राज्यों के 40 मजदूर फंसे हुए हैं। निर्माणाधीन सुरंग (tunnel under construction) में हुई इस घटना के बाद इसके कारणों पर बात होने लगी है। बताया जा रहा है कि टनल के संवेदनशील हिस्सों में अगर ह्यूम पाइप (hum pipe) बिछाए जाते हैं। जिससे कभी भूस्खलन से सुरंग बंद होती है तो अंदर फंसे मजदूर ह्यूम पाइप के जरिए सकुशल बाहर (out safely) निकल आते हैं।

निर्माणाधीन सुरंगों में भूस्खलन का हर पल खतरा रहता है। यही वजह है कि सुरंग के संवेदनशील हिस्सों में ह्यूम पाइप बिछाए जाते हैं जिससे कभी भूस्खलन से सुरंग बंद होती है तो अंदर फंसे मजदूर ह्यूम पाइप सकुशल बाहर निकल आते हैं। निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिस दिन हादसा हुआ उस दिन संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे। बीते रविवार सुबह निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन की घटना घटी।


मजदूरों ने बताया कि यहां डंपरों में रखे ह्यूम पाइप का इस्तेमाल संवेदनशील हिस्सों में किया जाता था। पाइप बिछे होते तो मजदूर अंदर नहीं फंसते। वह अब तक पाइपों के जरिए बाहर आ चुके होते। एनएचआईडीसीएल के निवर्तमान महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि सुरंग में ह्यूम पाइप बिछाने का आइडिया उन्हीं का था। इन ह्यूम पाइप को सुरंग के अंदर संवदेनशील और खतरे वाले जगहों पर लाइन से बिछाया जाता था। उन्होंने आशंका जताई कि इस बार शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि इस तरह का कुछ होगा।

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