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राजस्थान में चुनाव से पहले फ्रंटफुट पर आयी वसुंधरा राजे, विरोधियों में मची खलबली

जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) फ्रंटफुट पर खेलनी लगी है। वसुंधरा राजे की सक्रियता से उनके धुर विरोधी सक्रिय हो गए है। यहीं वजह है कि प्रदेश बीजेपी (BJP) के बड़े नेताओं ने फिर कहना शुरू कर दिया है कि चुनाव में चेहरा पीएम मोदी (PM Modi) ही होंगे। हालांकि, वसुंधरा राजे कैंप के नेता फिलहाल खामोश है। वसुंधरा राजे ने कोटा में बड़ी रैली आयोजित कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। वसुंधरा राजे के भाषण के खास बात यह रही कि उन्होंने अपने सियासी विरोधियों पर खुलकर कुछ नहीं बोला। सियासी जानकारों का कहना है कि उदयपुर में अमित शाह ने वसुंधा राजे की तारीफ कर नए संकेत दिमए है। अमित शाह-वसुंधरा राजे की केमिस्ट्री से धुर विरोधी धड़ा सक्रिय हो गया है।


अमित शाह और वसुंधरा राजे की केमिस्ट्री ?
राजस्थान में पिछसे साढ़े चार साल से वसुंधरा राजे कैंप नेता अहम मीटिंग और कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए थे। लेकिन अमित शाह के दौरे के बाद वसुंधरा राजे गुट के माने जाने वाले नेता सक्रिय हो गए है। हालांकि, विधानसभा चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा। इसको लेकर पार्टी ने कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने फिर वहीं बात रिपीट की है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। सियासी जानकारों का कहना है कि बीजेपी चुनाव में वसुंधरा राजे के चेहरे के बिना उतरती है तो राह आसान नहीं होगी। वजह यह है कि गहलोत सरकरा के खिलाफ जमीनी स्तर पर सत्ता विरोधी माहौल नहीं है। कांग्रेस के विधायकों के प्रति जन आक्रोश है। पार्टी विधायकों की टिकट काट देती है कि कांग्रेस की सरकार रिपीट हो सकती है। जानकारों का यह भी कहना है कि वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित करने पर बीजेपी को लाभ मिल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राजस्थान बीजेपी में वसुंधरा राजे की कदकाठी का नेता भी नहीं है।

राजस्थान में हर पांच साल बाद सत्ता बदलने का ट्रेंड
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में है। राजस्थान में हर पांच साल बाद सत्ता बदलने की रवायत रही है। लेकिन इस बार सीएम गहलोत का दांवा है कि उनकी सरकार सत्ता में वापसी करेगी। वसुंधरा राजे बीते साढ़े चार से सीएम गहलोत पर जुबानी हमले करने बचती रही हैं। लेकिन इन दिनों वसुंधरा के निशाने पर सीएम गहलोत है। दूसरी तरफ सीएम गहलोत मे वसुंधरा राजे की पालनहार योजना की तारीफ की है। बता दें सचिन पायलट खुद सीएम पर इशारों में नरम रवैया अपनाने के आरोप लगा चुके है। वसुंधर राजे के सीएम गहलोत पर आक्रामक होने के पीछे की वजह उनकी वापसी के तौर पर देखा जा रहा है।

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