विभाग ने नहीं ली सुध, कोई व्यवस्था नहीं
इंदौर। प्रदेशभर में नौकरी कर रहे 50 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी, जिनकी पोस्टिंग अपने क्षेत्रों से दूरदराज इलाकों में हैं, वे अपने मतदान का प्रयोग नहीं कर सकेंगे, वहीं इनके साथ प्राइवेट नौकरी कर रहे शहर के कई युवक-युवतियां भी अपना मतदान के हक का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
प्रदेशभर के कई कर्मचारी, जो दूसरे प्रदेशों के शहरों व गांवों में तैनात हैं और जिनका वोटर कार्ड उनके जन्मक्षेत्र से ही बना है, उन्हें पार्षद और महापौेर चुनने का अधिकार इस बार भी नहीं मिल सका है। विभाग ने पोस्टल ैबैलेट के माध्यम से मतदान में ड्यूटी कर रहे 15 हजार कर्मचारियों को अधिकार दिया, लेकिन उन प्रदेशभर के 50 हजार सरकारी कर्मचारियों को भूल गया, जो यहीं से हैं, लेकिन उन्हें अपनी नौकरी करने के लिए दूसरे क्षेत्रों में रहना पड़ रहा है, वहीं प्राइवेट नौकरी कर रहे हजारों युवक-युवतियां भी अपने मतदान के अधिकार से वंचित रह जाएंगे। आधे दिन का अवकाश घोषित होने के बावजूद भी वे अपने क्षेत्रों में जाकर मतदान नहीं कर सकेंगे। ज्ञात हो कि शहर के कई युवक-युवतियां पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में नौकरी कर रहे हैं, वहीं कई मजदूर इस समय खेतों में बोवनी करने की दिहाड़ी में व्यस्त हैं।
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