- जलूद में चार सौ अफसरों और कर्मचारियों की फौज… फिर भी सुधार कार्यों में हो रही लापरवाही
इन्दौर। पिछले 15 दिनों के अंतराल में जलूद में तीन बार लाइन फूटने की बड़ी घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण इन्दौर में दो से चार दिनों तक पानी सप्लाय प्रभावित हुआ है। अभी भी यही स्थिति है और आज तडक़े पांच बजे सुधार कार्य शुरू हो पाया, जिससे शहर में 14 टंकियां खाली रहीं। निगम ने चार सौ से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों की तैनाती जलूद में की है, ताकि लाइनें फूटने पर वहां सुधार कार्य तेजी से हो सके। फिर भी शहर में जलसंकट बना रहता है।
सुधार कार्य के चलते आज भी शहर में जलप्रदाय प्रभावित हुआ। नर्मदा प्रोजेक्ट के अधिकारियों के मुताबिक अन्नपूर्णा, द्रविड़ नगर, सदर बाजार, छत्रीबाग, सुभाष चौक, अगरबत्ती काम्प्लेक्स, नरवल, लोकमान्य नगर, राजमोहल्ला, गांधी हाल, भक्त प्रहलाद नगर, स्कीम 103, कुशवाह मोहल्ला, महाराणा प्रताप नगर की टंकियां पूरी तरह खाली रहीं, जबकि कई अन्य क्षेत्रों की टंकियां कहीं आधी-अधूरी भर पाईं और लोग पानी के लिए परेशान होते रहे। कल बरखेड़ा में धमाके के साथ लाइन फूटने के बाद पानी सप्लाय प्रभावित हुआ था और पंप बंद करना पड़े थे। कई लोगों के घरों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए तहसीलदार ने रिपोर्ट तैयार की है और निगम अफसरों का कहना है कि संबंधितों को मुआवजा दिया जाएगा।
पानी के मुद्दे को लेकर आज कमिश्नर ने बुलाई बड़ी बैठक
शहर में लगातार जलसंकट और जलूद में बार-बार फाल्ट के चलते नर्मदा प्रोजेक्ट के स्थानीय और जलूद के अधिकारियों की निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बैठक बुलाई है। इसमें कई मुद्दों के साथ-साथ पिछले कई दिनों से शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में टंकियां नहीं भरे जाने और बार-बार जलूद में हो रहे फाल्ट को लेकर चर्चा की जाएगी। बड़ी संख्या में स्टाफ तैनात होने के बावजूद सुधार कार्य में देरी का मुद्दा भी उठेगा। पिछले कई दिनों से पानी की अव्यवस्थाओं को लेकर निगम कमिश्नर को शिकायतें मिली थीं और उन्होंने पूर्व में भी अफसरों को जलसंकट वाले क्षेत्रों में समस्या का निराकरण करने और शहरभर में फूटी पाइप लाइनों को सुधारने के निर्देश दिए थे, ताकि करोड़ों की राशि खर्च कर इंदौर लाया जाने वाला नर्मदा का पानी व्यर्थ न हो। तीसरे चरण की लाइनों और पम्पों के मेन्टेनेंस के लिए एक निजी कंपनी को काम सौंपा गया है, जबकि जलूद से आने वाली सभी मेन और सहायक लाइनों के इन्दौर तक के मेन्टेनेंस का काम रामकी कंपनी के हवाले है।