इंदौर न्यूज़ (Indore News)

शादी उद्योग फिर तबाह, 250 मेहमानों की मांगी अनुमति

अभी अप्रैल के अलावा मई-जून में भी है मुहूर्त, लेकिन कैटरिंग-डेकोरेशन से लेकर अन्य जुड़े लोग परेशान
इंदौर। यह भी एक संयोग है कि चुनाव (Election) के दौरान तो कोरोना संक्रमण  (Corona Transition) नहीं फैला, लेकिन जब भी शादियों (Weddings) के मुहूर्त शुरू होते हैं उसके पहले मरीजों की संख्या बढऩे लगती है, जिसके चलते शासन-प्रशासन प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर देता है। अभी अप्रैल महीने में शादियों के कई मुहूर्त हैं और उसके पहले कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ गया। लिहाजा 50 मेहमानों की सीमा प्रशासन ने तय कर दी। अब शादी उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि कम से कम 250 मेहमानों की अनुमति तो मिले, जिससे होटल (Hotel), मैरिज गार्डन (Marriage Garden), केटरिंग, बैंड-बाजे, टेंट से लेकर इससे जुड़े अन्य कारोबार थोड़े तो चल सकें, क्योंकि गत वर्ष भी तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।


पिछले साल भी मार्च से लेकर जून तक लॉकडाउन (Lockdown)-कफ्र्यू लगा था, जिसके चलते शादियों के सारे मुहूर्त चौपट हो गए और फिर जून में भी पहले 10 और फिर अधिकतम 50 मेहमानों की अनुमति ही दी गई। उसके बाद देवउठनी ग्यारस से शादियों के मुहूर्त शुरू हुए और उसके बाद फिर संक्रमण बढऩे लगा, जिसके चलते कई बड़ी शादियों को टाला गया तो आयोजन भी छोटे करना पड़े। उसके बाद फिर दिसम्बर-जनवरी में कुछ शादियां हुईं और अभी अप्रैल में भी बड़ी संख्या में मुहूर्त हैं। 21 अप्रैल से ये मुहूर्त शुरू हो रहे हैं और 25 अप्रैल को बड़ी संख्या में शादियां हैं, लेकिन उस दिन रविवार आ गया, जिस दिन शासन-प्रशासन ने लॉकडाउन घोषित कर रखा है। इसके बाद 2 मई, 9 मई, 16 मई व अन्य तारीखों में भी शादियों के बड़े मुहूर्त हैं। इंदौर में ही शादी उद्योग से संबंधित 50 हजार से अधिक छोटे-बड़े कारोबारी जुड़े हैं, जो पिछले एक साल से लगातार नुकसान उठा रहे हैं। बीते दिनों संक्रमण घटने के साथ इन्हें उम्मीद थी कि अब शादियों का सीजन आने पर कारोबार चलेगा, लेकिन फिर अचानक कोरोना मरीज बढ़ गए और प्रशासन ने जो गाइड लाइन जारी की उसमें अधिकतम 50 मेहमानों को ही अनुमति दी है, जिसके चलते शहर के शादी व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों ने जनप्रतिनिधियों-अफसरों को ज्ञापन भी दिए, जिसमें मांग की गई कि कम से कम 250 मेहमानों की अनुमति दी जाए, क्योंकि उससे कम में कोई बुकिंग भी नहीं करवाता। होटल, मैरिज गार्डन, केटरिंग (Catering), बैंड-बाजे, टेंट से लेकर इवेंट मैनेजमेंट सहित अन्य सभी वर्ग को घाटा उठाना पड़ रहा है और हजारों परिवार इस पर पलते भी हैं। अप्रैल के बाद जून-जुलाई तक शादियों के मुहूर्त हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण अभी इस महीने तो थमता नजर नहीं आता। फिर शादियों के मुहूर्त खत्म होने के बाद चार माह का मलमास लग जाएगा। लिहाजा शादी व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों ने शासन-प्रशासन से रियायत देने की मांग की है।

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