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भारत सेवाश्रम संघ क्या है, जिस पर ममता बनर्जी ने लगाया BJP को सपोर्ट करने का आरोप

डेस्क: लोकसभा चुनाव के 5वें चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में भारत सेवाश्रम संघ जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक संस्थान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि धार्मिक संगठनों के साधु-संन्यासी चुनाव में बीजेपी की मदद कर रहे हैं. ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम के संन्यासी प्रदीप्तानंद महाराज उर्फ कार्तिक महाराज का नाम लेकर कहा कि वे टीएमसी- तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को धमकी दे रहे हैं.

हुगली के जयरांबाती में एक जनसभा में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम- बीएसएस के कार्तिक महाराज पर आरोप लगाया कि कार्तिक महाराज ने कहा है कि वे टीएमसी एजेंट्स को पोलिंग बूथ में जाने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि पहले वे भारत सेवाश्रम का बहुत सम्मान करती थीं, लेकिन अब कार्तिक महाराज को संत नहीं मानतीं, क्योंकि वे सीधे तौर पर राजनीति में शामिल हो गए हैं.

ममता ने रामकृष्ण मिशन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इसके सदस्य भी दिल्ली के दिशा-निर्देश पर काम करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ संतों से कहा गया है कि वे बीजेपी के लिए वोट मांगें. इस पूरे प्रकरण पर कार्तिक महाराज ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- “विनाश काले, विपरीत बुद्धि’. उन्होंने कहा कि अब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के विनाश का समय आ गया है, इसलिए साधु-संन्यासियों को निशाना बना रही हैं.


भारत सेवाश्रम संघ- बीएसएस की स्थापना आचार्य श्रीमद् स्वामी प्रणवानन्द महाराज ने सन् 1917 में की थी. यह संयासियों और कर्मयोगियों की संस्था है. इसका मुख्यालय कोलकाता में है. भारत समेत पूरी दुनिया में बीएसएस की 300 से अधिक शाखाएं हैं. इसने अफ्रीकी देशों, मलेशिया और इंडोनेशिया में कई मिशन शुरू किए हैं. भारत सेवाश्रम समय-समय पर सामुदायिक कार्य जैसे- गरीबों की मदद करना, स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना, प्राकृति आपदाओं के समय जरूरतमंद लोगों की मदद करना आदि कार्य करता है.

बीएसएस ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा में प्राकृतिक आपदाओं, 1943 के बंगाल के अकाल, भोपाल आपदा, 2001 के गुजरात भूकंप के समय आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी. अशांति काल में संघ के साधु-संन्यासी राहत शिविरों में जाकर लोगों की मदद करते हैं. इस संस्थान द्वारा गरीब और पिछड़े इलाकों में बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल खोले हैं, हॉस्पिटल खोले हैं.

2004 के हिंद महासागर में आए भूकंप के बाद, संघ के संन्यासियों ने लगभग 4.25 करोड़ की लागत से अनाथ बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना, 60 लाख रुपये की लागत से अनाथालय तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 200 घर बनवाए थे. कोरोना काल में भी भारत सेवाश्रम ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की थी.

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