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व्हीलचेयर के बावजूद विधानसभा में दिखा ममता का कमाल, अब पंचायत चुनाव की बारी

नई दिल्ली (New Delhi) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) को फिर से बाएं पैर में चोट (Injury) लगी है। 27 जून को खराब मौसम के बाद सिलीगुड़ी के पास सेवोके एयरबेस पर उनके हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान उन्हें चोट लगी है। राज्य सरकार के बुलेटिन के अनुसार, मुख्यमंत्री प्रतिदिन दो घंटे के लिए फिजियोथेरेपी डॉक्टर की निगरानी में रहती हैं। अभी यह कहना मुश्किल है कि 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए वह चुनाव प्रचार कर पाएंगी या नहीं। अगर चोट ठीक नहीं होती है तो उन्हें व्हीलचेयर की मदद लेनी पड़ सकती है। ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने 2021 में विधानसभा चुनाव (assembly elections) के दौरान नंदीग्राम में प्रचार करते समय अपने बाएं पैर में चोट लगने के बाद किया था।

विपक्ष ने नंदीग्राम की घटना को हल्के में लिया था। इस बार भी स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता की चोट के समय पर सवाल उठाया है। उन्होंने यहां तक पूछा है कि चोट हमेशा बाएं पैर पर ही क्यों लगती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी प्रचार के लिए व्हीलचेयर पर जाएंगी और ग्रामीण मतदाताओं की सहानुभूति आकर्षित करने की कोशिश कर सकती हैं। सीपीआई (एम) के राज्य महासचिव मोहम्मद सलीम ने भी इसी तरह के सवाल उठाए और यहां तक ​​कहा कि ममता बनर्जी को हेलीकॉप्टर की सवारी छोड़ देनी चाहिए और सड़क मार्ग से अधिक यात्रा करनी चाहिए।


विधानसभा चुनाव में मिली थी सफलता
व्हीलचेयर पर सवार ममता बनर्जी को विधानसभा में जनता की सहानुभूति मिली थी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) फिर से शानदार वापसी की थी। वर्तमान चुनावी मौसम में टीएमसी के लिए सब कुछ इतना आसान नहीं है। उनके नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। कुछ को केंद्रीय एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। इसके अलावा विपक्ष बंगाल में कल्याणकारी परियोजनाओं के वितरण में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का आरोप लगाता रहता है, जैसे कि जॉब कार्ड के वितरण और पीएम आवास योजना के तहत घरों के आवंटन में। मनरेगा की राशि भी हड़पने का आरोप है।

पंचायत चुनाव में कम नहीं हैं चुनौतियां
जून में दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में लोग पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान बम फेंके जाने के बावजूद सड़कों पर आए थे। टीएमसी आलोचकों ने इसे जनता के गुस्से की प्रबल लहर बताया था। अपनी पार्टी की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को उनके हाथों को मजबूत करने और उनकी कल्याणकारी योजनाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत चुनावों में उनके नाम पर टीएमसी को वोट देना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि अगर उनसे जबरन वसूली की जा रही हो तो वे सीधे सीएम को कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें या मुख्यमंत्री कार्यालय को फोन करें।

टीएमसी में अंदरूनी कलह
इसके अलावा, नामांकन को लेकर टीएमसी में अंदरूनी कलह शुरू हो गई है। कई नेताओं को पंचायत चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना पड़ रहा है। पार्टी ने ऐसे 56 उम्मीदवारों को निष्कासित करने की धमकी दी है। कुर्मी आंदोलन को नियंत्रित करने में राज्य सरकार की कथित मनमानी के कारण भी झटका लगने की आशंका है। अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे कुर्मी इस बात से नाखुश हैं कि पुलिस ने उनके घरों पर जिस तरह से छापा मारा, युवकों को उठाया और उन पर गैर-जमानती मुकदमे चलाए।

विपक्ष होगा हमलावर
जाहिर है, पैर की चोट पर सहानुभूति बटोरने के किसी भी कथित प्रयास का मतलब विपक्ष को और अधिक तेज हथियार देना होगा। सेवोके एयरबेस पर ममता बनर्जी के हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग के बाद की तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में ममता को सैन्य अधिकारियों के साथ एयरबेस के अंदर जाते और हेलिकॉप्टर तैयार होने के बाद वापस लौटते हुए दिखाया गया है।

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