उज्जैन। बरसात से पूर्व चौड़ीकरण करके भाजपा ने गलती कर दी लेकिन हद तो तब हो गई जब मुआवजा न देकर मकान तोड़े जा रहे हैं। आक्रोश को देखते हुए कल रात भाजपा पार्षदों ने धरना दिया और नारेबाजी की। इस दौरान अच्छी संख्या में लोग इक_ा हो गए थे। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि मशीनों से मकान तोडऩे के कारण अधिक हिस्सा टूट गया और नुकसान हुआ। इसकी भरपाई कौन करेगा।
निगमायुक्त की तरफ से स्पष्ट आदेश था कि शनिवार को सिर्फ मलबा उठाया जाएगा, किसी भी प्रकार की तोडफ़ोड़ नहीं की जाएगी और मकान मालिक स्वयं यदि अपने हिसाब से मकान तोड़ रहे हैं तो नगर निगम उसमें कार्रवाई नहीं करेगी लेकिन इस आदेश की धज्जियाँ उड़ाते हुए इंजीनियर अनिल जैन और गोपाल बोयत ने लालबाई फूलबाई चौराहे से लेकर इमली तिराहे तक के बीच के 7 मकान जिनमें रामचंद्र प्रजापत के मकान सहित अन्य मकानों को 15 फीट से अधिक तोड़ दिया। तीन मंजिला इन मकानों को नीचे से तोडऩे पर ऊपर की मंजिल के पिलर लटक गए हैं। एक अन्य मकान मालिक रईसा बी का भी मकान अधिक तोड़ दिया। कल दोपहर 4 बजे से 6 बजे के बीच यह कार्रवाई की गई। सूचना मिलने पर क्षेत्रीय पार्षद हेमंत गहलोत एवं पार्षद गब्बर भाटी, गजेंद्र हिरवे मौके पर पहुँचे और मकान मालिक से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने निगम आयुक्त और महापौर को इस पूरे मामले से अवगत कराया और उसके बाद धरने पर बैठ गए। इधर कांग्रेसियों को जब मामला मालूम पड़ा तो कांग्रेस के नेता भी पार्षदों के साथ काजीपुरा चौराहे पर धरने पर बैठ गए। निगमायुक्त ने यहाँ मौके पर उपायुक्त संजेश गुप्ता को भेजा। उन्होंने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जो भी जिम्मेदार होंगे और जिन्होंने अधिक मकान तोड़ा है उन पर कार्रवाई के निर्देश निगमायुक्त ने दिए हैं। आज सुबह जब निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था पूरे मामले को दिखा रहे हैं किसके आदेश से इंजीनियरों ने तुड़वाई कराई है यह सब मामला जाँच में लिया है। शाम तक पूरी स्थिति सामने आ जाएगी और जो भी जिम्मेदार होगा उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि जो भी मकान मालिक अपने हाथ से तोड़ रहा है उसके मकान पर हम नगर निगम की जेसीबी और पोकलेन नहीं चलाएँगे, इसके बावजूद इंजीनियरों ने ऐसा क्यों किया यह उनसे जाँच के दौरान पूछा जाएगा। Share: