इंदौर, प्रदीप मिश्रा। इधर पीथमपुर के पास जहां नेशनल ऑटो टेस्टिंग ट्रैक पर जंगली नीलगायों को पकडऩे का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था, वहीं शहर से लगभग 110 किलोमीटर दूर मादा तेंदुआ शिकारी के फंदे में फंसा छटपटा रहा था। कल दोपहर में खबर मिलते ही टीम दूसरे रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए निकल पड़ी और शाम को 6 बजे तक रेस्क्यू टीम ने न सिर्फ तेंदुए को शिकारी के फंदे से छुड़ा लिया, बल्कि रात को लौटते वक्त उसे जंगल में छोडक़र आजाद भी कर दिया।
रेस्क्यू ऑपरेशन टीम का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पहले से जारी रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक ही दिन में दूसरे रेस्क्यू ऑपरेशन की भी कमान संभालना पड़ी हो। दरअसल पिछले शनिवार 17 मई से पीथमपुर के पास ऑटो टेस्टिंग ट्रैक पर बड़ी संख्या में मौजूद नीलगायों को रेस्क्यू करने का ऑपरेशन जारी है। कल इसी दौरान इंदौर रेस्क्यू टीम के प्रमुख रालामंडल अभयारण्य एसडीओ योहान कटारा को फोन पर खबर मिली कि इंदौर से लगभग 110 किलोमीटर दूर खरगोन जिले के कसरावद बाड़ी गांव के पास शिकारी के फंदे में फंसा तेंदुआ छटपटा रहा है, उसे तत्काल रेस्क्यू की जरूरत है। रात होने के पहले ही रेस्क्यू ऑपरेशन करना जरूरी है, वरना रात में कोई भी अनहोनी हो सकती है।
रात से पहले ही तेंदुए को कर दिया आजाद
रेस्क्यू टीम प्रमुख कटारा ने बताया कि वह पीथमपुर ऑटो टेस्टिंग ट्रैक पर मौजूद ड्राइवर सहित सात सदस्यीय रेस्क्यू टीम के साथ कसरावद गए, जहां बाड़ी गांव के जंगलों में मौके पर लगभग 4 साल का तेंदुआ शिकारियों द्वारा लगाए फंदे में फंसा छटपटा रहा था। तत्काल उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर बेहोश कर फंदे से निकाला गया।
इंजेक्शन देकर होश में लाए, फिर जंगल में छोड़ा
एसडीओ कटारा के अनुसार जांच में पता चला कि यह मादा तेंदुआ है, जिसकी उम्र लगभग 3 से 4 साल के बीच है। तेंदुए को पिंजरे में रख रेस्क्यू टीम रात को वापस इंदौर के लिए रवाना हो गई। इसके बाद सफर के दौरान रुककर तेंदुए को होश में लाने का इंजेक्शन दिया गया। उसके होश में आते ही उसे रात को लगभग 10 बजे पिंजरे से आजाद कर जंगल में छोड़ दिया गया।
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