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    ‘ऐसे गुंडे को CM आवास में कौन रखता है?’ स्वाति मालीवाल केस में बिभव कुमार पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

  • August 01, 2024

    नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के करीबी सहयोगी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) द्वारा दायर जमानत याचिका (Bail plea) पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. बिभव पर आम आदमी पार्टी (AAP) की सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) पर हमला करने का आरोप है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिभव को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई?



    अभिषेक मनु सिंघवी ने बिभव की पैरवी करते हुए कहा कि एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज कराई गई. मालीवाल थाने गई लेकिन बिना एफआईआर दर्ज कराए लौट गईं. कोर्ट ने चार्जशीट के बारे में पूछा तो वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिस आदेश को हमने चुनौती दी है उसके बाद चार्जशीट दाखिल हुई है.

    सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘जिस तरह से चीजें घटित हुई हैं, उससे हम स्तब्ध है. क्या सीएम का बंगला निजी आवास है? क्या ऐसे गुंडों को रखने के लिए उस कार्यालय की आवश्यकता है? क्या यही तरीका है? हम हैरान हैं. सवाल यह है कि यह कैसे हुआ. मालीवाल ने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन वह आदमी नहीं रूका. वह क्या सोचता है ? क्या उसके सिर में शक्ति सवार है ? आप पूर्व सचिव थे, अगर पीड़िता को वहां रहने का अधिकार नहीं था, तो आपको वहां रहने का अधिकार नहीं था. आपने ऐसा दिखाया जैसे कोई गुंडा परिसर में घुस आया हो. आपको ऐसा करने में कोई शर्म आती है ? SWATI एक युवा महिला है. क्या आपको लगता है कि उस कमरे में मौजूद किसी को भी बिभव के खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत हुई होगी?’

    सिंघवी की दलील की खारिज

    सिंघवी ने हत्या के दो मामलों में आरोपी को जमानत मिलने का हवाला दिया तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘हमें उन मामलों का हवाला ना दें, क्योंकि यहां किस तरह से घटनाक्रम हुआ वो हमारी चिंता का कारण है. आपको एक महिला से ऐसा बर्ताव करते शर्म नहीं आई? हम कॉन्ट्रैक्ट किलर, हत्यारों को भी जमानत देते हैं लेकिन इस मामले में, किस तरह की नैतिक दृढ़ता है?’

    कोर्ट ने बेहद सख्त रवैया अपनाते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर बिभव की जमानत अर्जी पर जवाब मांगा. अगली सुनवाई अब सात अगस्त बुधवार को होगी.

    क्या सीएम का आवास निजी आवास है- कोर्ट

    सिंघवी ने कहा कि पहले दिन वह (पुलिस के पास) गई पर कोई शिकायत नहीं की, लेकिन फिर तीन दिन बाद शिकायत दर्ज हुई. जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा कि क्या मालीवाल ने 112 पर कॉल किया? अगर हां तो यह आपके दावे को झूठा साबित करता है कि उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. सिंघवी ने माना कि वो सीएम आवास गई थी.

    जस्टिस सूर्यकांतकांत ने पूछा कि क्या सीएम का सरकारी घर निजी आवास है? क्या इसके लिए इस तरह के नियमों की जरूरत है? हम हैरान हैं, यह मामूली या बड़ी चोटों के बारे में नहीं है. हाईकोर्ट ने हर बात को सही तरीके से सुना है.

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