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Indian Army के ध्रुव हेलीकॉप्टर क्‍यों हो रहे दुर्घटनाग्रस्त, सरकार ने लगाई रोक

नई दिल्ली (New Delhi)। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के किश्तवाड़ में हाल ही में ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर के क्रैश (Helicopter Crash) होने के बाद रक्षा विभाग ने सेना के सभी अंगों में इसके संचालन पर रोक लगा दिया है। भारतीय सेना (Indian Army) का ध्रुव हेलीकॉप्टर गुरुवार को किश्तवाड़ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें दो पायलट और एक टेक्नीशियन को गंभीर चोटें आई थीं और उन्हें रेस्क्यू करके उधमपुर के कमांड अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद रक्षा विभाग ने एहतियातन ध्रुव हेलीकॉप्टर के उड़ान पर अस्थाई रोक लगा दी है।

जानकारी के लिए बता दें कि देश में बीते 20 साल में 24 से ज्यादा हेलीकॉप्टर ध्रुव (एएलएच) दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इस दौरान कई हेलीकॉप्टर को आपात स्थिति में भी उतारा गया। वर्ष में 2016 में रक्षा मंत्रालय ने संसद में इससे संबंधित आंकड़े आंकड़े पेश किए थे। इसमें यह बताया गया था कि पिछले दो दशकों में करीब 22 एएलएच दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। संसद के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-2021 के बीच एएलएच से जुड़ी छह घटनाओं की सूचना मिली थी। इस साल पिछले चार महीनों में यह हेलीकॉप्टर तीन घटनाओं का शिकार बन चुका है।

जानकारी के लिए बता दें कि पहला हादसा 8 मार्च को हुआ था, जब अरब सागर में ध्रुव की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। इसके बाद 26 मार्च को केरल में ध्रुव हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। इसके बाद 4 मई को किश्तवाड़ में ध्रुव हेलीकॉप्टर क्रैश होकर नदी में जा गिरा था, जिसमें एक जवान शहीद हुआ।



पहले भी लग चुकी है रोक
इन हेलीकॉप्टरों की उड़ान को पहले भी रोका जा चुका है। भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के हेलीकॉप्टर से जुड़ी दो दुर्घटनाओं के बाद एक महीने से अधिक समय तक के लिए इनके परिचालन को रोक दिया गया था।

वर्ष 2002 में शामिल हुआ
एएलएच ध्रुव हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) की तरफ से ट्विन इंजन के साथ स्वदेशी रूप से विकसित विमान है। एचएएल ने 1984 में ध्रुव को विकसित करना शुरू किया। हेलीकॉप्टर को शुरू में जर्मनी की मदद से मेसर्सचमिट-बोलको-ब्लोहम के साथ डिजाइन किया गया था और पहली बार 1992 में उड़ाया गया था, लेकिन 2002 में सर्टिफिकेशन के बाद इसे सेवा में शामिल किया गया।

35 देशों ने दिलचस्पी दिखाई
ध्रुव हेलीकॉप्टर ने लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत एशिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। इसकी कीमत अन्य की तुलना में 15 फीसदी कम है। करीब 35 देशों के वायुसेना ने इस हेलीकॉप्टर में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। उन्होंने इसके प्रदर्शन के लिए अनुरोध भेजा था।

सेना के पास कितने ध्रुव
देश में फिलहाल करीब 300 एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं। इसमें से 145 हेलीकॉप्टर थल सेना के पास हैं। थल सेना ने 25 एमके 3 का ऑर्डर दिया है। वायुसेना के पास 70 से अधिक ध्रूव हेलीकॉप्टर है। 18 हेलीकॉप्टर नौसेना पास है। वहीं, 20 ध्रूव हेलीकॉप्टर तटरक्षक बल के पास है।

इसका तकनीकी पक्ष
52.1 फीट लंबे ध्रुव हेलीकॉप्टर की ऊंचाई 16.4 फीट है। इसे दो पायलट उड़ाते हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 291 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इनमें 12 सैनिक बैठ सकते हैं और यह बिना रुके 630 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसमें आठ एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, 4 एयर-टु-एयर मिसाइल ले जाने की क्षमता है।

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