नई दिल्ली। योग के महत्व (Importance) के बारे में लोगों को जागरुक करने और पूरी दुनिया में योग को पहुंचाने के लिए भारत और विश्व भर में हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day) मनाया जाता है। इसकी शुरूआत वर्ष 2014 में भारत सरकार की पहल पर सर्वसम्मति से यूनाइटेड नेशन (united nation) की जनरल असेंबली ने की थी। इस साल 2022 में 8वां योग दिवस 21 जून को मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है। 21 June को इस महत्वपूर्ण दिवस को मनाए जाने के पीछे काफी महत्वपूर्ण वजह(important reason) है आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कैसे हुई? (इतिहास)
विश्व योग दिवस की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में अपने एक भाषण के दौरान योग के लाभ बताते हुए इसे हर साल 21 जून को मनाने की मांग करने पर की गई थी।
उस समय संयुक्त राष्ट्र के ज्यादातर सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति दी थी, इस प्रस्ताव को 3 महीने के अंदर ही 11 दिसम्बर 2014 को बहुमत के साथ पारित कर दिया गया और इसके बाद 21 जून को इंटरनेशनल डे ऑफ़ योगा के रूप में घोषित कर दिया गया।
21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 21 जून को उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन होता है, क्योंकि इस दिन सूर्य जल्दी निकलता है और सबसे देर में अस्त होता है। और इस दौरान भारत में ग्रीष्म सक्रांति भी मनाई जाती है।
इसके साथ ही दक्षिणायन होने के कारण यह दिन आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यही कारण है जिनकी वजह से 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए चुना गया।
विश्व योग दिवस मनाए जाने का उद्देश्य:
लोगों को योग का महत्व समझाने और योग से होने वाले फायदों के बारे में बताने के लिए,
योग से दूर होने वाली शारीरिक और मानसिक बीमारियों से लोगों को रूबरू कराने के लिए,
योगासन से स्वास्थ्य समस्याओं में कमी लाने के लिए,
लोगों को योग के जरिए मेडिटेशन से जोड़ने के लिए,
तथा देश और दुनिया भर में योग की शक्तियों का प्रचार करने के लिए योग दिवस मनाया जाता है।
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