मध्‍यप्रदेश राजनीति

पार्टी बोलेगी तो सिंधिया के खिलाफ भी लडूंगा : दिग्विजय सिंह

भोपाल। मध्यप्रदेश में राजा और महाराजा की लड़ाई अगले स्तर पर पहुंच गई है। पहले भगवान महाकालेश्वर का नाम लेकर दोनों ने एक-दूसरे पर तंज कसा। अब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने गुना से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अगर पार्टी कहेगी तो गुना से भी चुनाव लड़ने को तैयार हूं। खास बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए इसी सीट से सांसद रहे थे। 2018 में वह भाजपा के केपी यादव से चुनाव हारे थे। इसके बाद 2020 में भाजपा से राज्यसभा में पहुंचे और केंद्रीय मंत्री हैं।

सिवनी में पत्रकारों से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह से पूछा गया था कि क्या वह भी चुनाव लड़ेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि मैं अभी राज्यसभा का सदस्य हूं। अभी लड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। पार्टी का सिपाही हूं, जो पार्टी आदेश देगी वह करूंगा। इसके बाद उनसे पूछा गया कि क्या गुना से चुनाव लड़ेंगे, इस पर दिग्विजय सिंह बोले कि मेरी पार्लियामेंटरी सीट राजगढ़ है, गुना नहीं। पिछली बार मुझे भोपाल सीट से लड़ने का आदेश हुआ था, तब वहां से लड़ा था। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, सिपाही हूं, जो आदेश होगा उसका पालन करेंगे।


दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार शासन नहीं करती, व्यवसाय करती है। व्यवसाय भी पार्टनरशिप में पहले मुख्यमंत्री जी, मंत्री जी, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, भाजपा के बिचौलिया विधायक और भाजपा के नेता। हर चीज में कमीशन है। हर स्तर पर कमीशन बाजी है। आज तक भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। व्यापमं के प्रकरण में जिन्होंने पैसा दिया वह लोग गिरफ्तार हुए। जिन लोगो ने पैसा लिया, उसकी जांच पूरी नहीं हो पाई।

दिग्विजय ने आरोप लगाया कि मोदी जी ने बड़ा इश्तहार जारी किया है। साढ़े 9 लाख पद खाली है, लेकिन 45 हजार पद भरने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। नए कोई जॉब नहीं निकाले हैं। जो खाली पद है उन्हें भर नहीं पा रहे हैं। ऑनलाइन परीक्षाओं में भारी भ्रष्टाचार सब जगह हुआ है। कई बार पेपर आउट हुआ है। कई बार लोगों से फीस वसूली की गई। परीक्षा नहीं हो पाई। नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाए। कांग्रेस के राज में बेरोजगार युवक-युवतियों से कोई परीक्षा फीस नहीं ली जाती थी। इन्होंने फीस भी ली। सैकड़ों करोड़ रुपये इकठ्ठे भी किये और कोई नौकरियां भी नहीं दी।

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान को 20 साल तक अपनी बहनों की याद नहीं आई। चुनाव के समय अपनी बहनों की याद आई। जिस प्रकार के नियम बनाए हैं, एक-एक महिला को फॉर्म भरने में 1500 से 2000 रुपये खर्च करना पड़ रहा है। इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है। ओटीपी आ नहीं रहा है। फॉर्म ऑनलाइन भरे नहीं जा रहे हैं।

Share:

Next Post

PM मोदी इस दिन कर सकते है नए संसद भवन का उद्घाटन

Tue May 16 , 2023
नई दिल्ली: नया संसद भवन (new parliament building) बनकर तैयार हो चुका है. उम्मीद हैं कि नव निर्मित संसद भवन (newly built parliament house) का औपचारिक उद्घाटन इस महीने के अंत तक किया जाएगा. इसका उद्घाटन 26 मई को हो सकता है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने नौ साल पहले […]