जीवनशैली देश

आधुनिक युग में पुरुषों के मुकाबले पूरी समानता हासिल नहीं कर पाई महिलाएं, यूपी में 32 फ़ीसदी निरक्षर

नई दिल्‍ली। 26 अगस्त को दुनिया भर में महिला समानता दिवस (women’s equality day) मनाया जाएगा। किंतु इस आधुनिक युग (Modern Era) में भी अधिकांश क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले पूरी समानता हासिल नहीं कर पाई हैं। महिलाओं के प्रति समाज में दोयम दर्जे का व्यवहार अब भी कायम है। उनकी भागीदारी का प्रतिशत हर क्षेत्र में काफी कम है। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family and Health Survey) की हालिया रिपोर्ट में इसकी तस्दीक भी होती है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो आज भी यहां महिलाएं आधी अधूरी समानता के साथ आगे बढ़ रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं हर क्षेत्र में काफी पीछे हैं। साक्षरता में ही समानता बड़ी चुनौती बनी हुई है।

70 फ़ीसदी महिलाएं आज भी इंटरनेट से दूर
महिला उत्थान और सशक्तिकरण(Women Upliftment and Empowerment) की कितनी भी बातें की जाए लेकिन हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में 70 फ़ीसदी महिलाओं ने कभी भी इंटरनेट की सुविधा का प्रयोग तक नहीं किया है। वैश्वीकरण के इस दौर में यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जबकि इस मामले में पुरुषों की संख्या लगभग दोगुनी है। प्रदेश भर में 60 फ़ीसदी पुरुषों ने इस सुविधा का लाभ लिया है।



53.5 प्रतिशत के पास नहीं अपना मोबाइल
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिलाओं की स्थिति और समानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी 53 फ़ीसदी से अधिक महिलाओं की आबादी के पास अपना मोबाइल फोन नहीं है सर्वेक्षण के अनुसार इन महिलाओं ने कभी भी अपने लिए मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया। ग्रामीण इलाकों के साथ शहरी क्षेत्रों की ये स्थिति चौंकाने वाली है।

60.7 फ़ीसदी के पास नहीं उच्च शिक्षा
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं में उच्च शिक्षा का स्तर भी संतोषजनक नहीं है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 21वीं सदी में भी राज्य में 60.7 फ़ीसदी महिलाओं ने अपनी उच्च शिक्षा हासिल नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार 39.3 फ़ीसदी महिलाएं ही 10 साल या उससे अधिक सालों तक विद्यालय गई हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अधिकतर लड़कियों को सिर्फ शादी के लिए ही पढ़ाई करने की मंजूरी दी जाती है। इसमें भी आठवीं-दसवीं कक्षा तक पढ़ा कर उनके हाथ पीले करवा दिए जाते हैं जबकि पुरुषों में पढ़ने का यह आंकड़ा कहीं अधिक है।

32.6 फ़ीसदी महिलाएं निरक्षर
महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर पुरुषों के वर्चस्व का तिलिस्म तोड़ने का भरपूर प्रयास कर रही हो, लेकिन राज्य में 32.6 फ़ीसदी महिलाओं ने कभी भी स्कूल का रुख नहीं किया है। यह चौंकाने वाला खुलासा सर्वेक्षण रिपोर्ट में हुआ है। जारी रिपोर्ट के अनुसार यह महिलाएं निरक्षर हैं। 6 साल व इससे अधिक साल की महिलाओं पर किए गए सर्वे के अनुसार जिले में आज भी साक्षरता का स्तर शत-प्रतिशत नहीं पहुंच पाया है। महिला शिक्षा अभी भी दूर की कौड़ी साबित हो रही है। जबकि इस मामले में पुरुष महिलाओं से बहुत आगे हैं।

Share:

Next Post

अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में जारी रहेगी गोरखा सैनिकों की भर्ती

Thu Aug 25 , 2022
नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को दोहराया कि वह अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना (Indian Army) में गोरखा सैनिकों की भर्ती जारी रखेगा। एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में, विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा, “हम लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों (Gurkha soldiers) की भर्ती […]