बड़ी खबर

नीति आयोग: मोदी ने कहा- विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी, किसानों को गाइड करने की जरूरत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने वाला है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने राष्ट्र को सफल बनाने में एक साथ काम किया है। इससे विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना चाहिए। किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को थोड़ा गाइड करने की जरूरत है।

पीएम ने कहा कि भारत के व्यवसायों के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाना चाहिए। यह हमें वैश्विक अवसरों को हासिल करने में मदद करेगा। भारत के नागरिकों के लिए हमें कोशिश करनी चाहिए। यह भारतीयों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में हमारी मदद करेगा।

मोदी ने कहा कि हमें निवेश के सभी स्रोतों को इस क्षेत्र से जोड़ना होगा। भारत दक्षिण पूर्व एशिया में एक रॉ (कच्ची) मछली का निर्यातक है। क्या हम बड़े पैमाने पर प्रसंस्कृत मछली उत्पादों का निर्यात नहीं कर सकते हैं?

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान भी, भारत ने कृषि क्षेत्र में निर्यात में वृद्धि देखी। हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक अप्रयुक्त क्षमता है। हमारे उत्पादों का अपव्यय यथासंभव कम होना चाहिए और हमें भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में, बुनियादी ढांचे के लिए प्रदान किए गए फंड पर भी बहुत चर्चा की जा रही है। यह भारत की अर्थव्यवस्था में मदद करेगा और रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा करेगा। इसका गुणक प्रभाव होगा।

पीएम ने कहा कि केंद्र और राज्य के बीच नीतिगत ढांचा और सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है। तटीय (कोस्टल) राज्य इसका एक अच्छा उदाहरण हैं। ब्लू (समुद्र) अर्थव्यवस्था के निर्यात में असीमित अवसर हैं। हमारे तटीय राज्यों को इसके लिए अतिरिक्त पहल क्यों नहीं करनी चाहिए?

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है। इसका परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है।

नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में राज्यों की हिस्सेदारी 40% है और इस प्रकार, राज्यों और केंद्र को अपने बजट को सिंक्रोनाइज करना चाहिए और प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए।

केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए पीएलआई स्कीम्स शुरू की हैं। ये देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है। राज्यों को भी इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का मार्ग है जो न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए बल्कि विश्व के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पादन विश्व श्रेष्ठता की कसौटी पर भी खरा उतरे।

मोदी ने बताया कि हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है। सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है।

कॉपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना और यही नहीं हमें प्रयत्न पूर्वक कॉम्पिटेटिव कॉपरेटिव फेडरलिज्म को न सिर्फ राज्यों के बीच, बल्कि डिस्ट्रिक्ट तक ले जाना है। ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर चलती रहे।

पीएम ने कहा कि हमने कोरोना कालखंड में देखा है कि कैसे जब राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया, देश सफल हुआ। दुनिया में भी भारत की एक अच्छी छवि का निर्माण हुआ। हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है। सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है।

इस वर्ष के बजट पर जिस तरह का पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है, उसने जता दिया है कि मूड ऑफ द नेशन क्या है। देश मन बना चुका है। देश तेजी से आगे बढ़ना चाहता है, देश अब समय नहीं गंवाना चाहता है।

हमने कोरोना कालखंड में देखा है कि कैसे जब राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया, देश सफल हुआ। भारत के विकास की नींव यह है कि केंद्र और राज्य एक साथ काम करते हैं और एक निश्चित दिशा की ओर बढ़ते हैं और सहकारी संघवाद को और अधिक सार्थक बनाते हैं। यही नहीं, हमें न केवल राज्यों बल्कि जिलों में भी प्रतिस्पर्धी, सहकारी संघवाद लाने की कोशिश करनी होगी।

इन मुख्यमंत्रियों ने लिया हिस्सा
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मुख्यमंत्रियों ने आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठवीं बैठक में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी अध्यक्षता की।

Share:

Next Post

Laal Kila Hinsa के आरोपी लक्खा सिंह ने वीडियो जारी कर दिल्ली पुलिस को किया चैलेंज

Sat Feb 20 , 2021
नई दिल्‍ली। कृषि कानून (Agriculture Law) के विरोध में गणतंत्र दिवस के दिन दिल्‍ली में निकाली गई किसानों की ट्रैक्‍टर रैली के दौरान भड़की हिंसा (Delhi Violence) के आरोप में दिल्‍ली पुलिस (Delhi Police) पंजाब के गैंगस्‍टर लक्‍खा सिंह सिधाना (Lakkha Singh sidhana) की तलाश कर रही है। इस बीच दिल्‍ली पुलिस की गिरफ्त से […]